राज्यपाल कलराज मिश्र आज राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों के 51वें सम्मेलन में भाग लेंगे। राष्ट्रपति भवन में होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। उनकी अध्यक्षता में राज्यपाल और उपराज्यपाल का यह चौथा सम्मेलन होगा। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल श्रेष्ठ भारत अभियान को लेकर राजस्थान का प्रेजेंटेशन देंगे। राजस्थान विधानसभा की ओर से जो बिल उनके पास अटके हुए हैं और राष्ट्रपति भवन को नहीं भेजे गए हैं, उन्हें भी राज्यपाल द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। सम्मेलन से पहले राज्यपाल कलराज मिश्र समेत सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों को कल रात उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उनके आवास पर हाई टी दी। इस दौरान सभी के बीच चर्चा हुई।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों के अलावा, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आज सम्मेलन में शामिल होंगे। कोविड महामारी के संक्रमण काल के बाद यह सम्मेलन ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन किया जा रहा है। जिसमें सभी राज्यपाल व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपने-अपने राज्यों के हालात के बारे में राष्ट्रपति को एक प्रेजेंटेशन देंगे। वे भारत, श्रेष्ठ भारत के संबंध में राजस्थान में कार्यों, परियोजनाओं और योजनाओं, उपलब्धियों के बारे में जानकारी रखेंगे।
राज्यपाल मिश्र राजस्थान की वर्तमान स्थिति, आदिवासियों, दलितों और किसानों के मुद्दों, उच्च शिक्षा में नवाचार और केंद्र की लोक कल्याणकारी परियोजनाओं पर प्रगति रिपोर्ट और जनता की प्रतिक्रिया भी रखेंगे। राज्यपाल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने, राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास, डीएपी, उर्वरक आदि के मुद्दों को भी रख सकते हैं।
कलराज मिश्र राज्यपाल के रूप में राजस्थान में अब तक किए गए कार्यों की रिपोर्ट, आने वाले दो वर्षों में राज्य में और क्या होना चाहिए या वे क्या करेंगे आदि की जानकारी राष्ट्रपति को देंगे। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल मिश्र 'सर्वश्रेष्ठ भारत अभियान' के तहत अपने प्रदर्शन पर प्रेजेंटेशन देंगे। इसके साथ ही राज्य और उसकी समस्याओं की रिपोर्ट – विशेष रूप से किसानों के मुद्दे, दलित और आदिवासी क्षेत्रों की स्थिति, राज्य में महिलाओं और दलितों की स्थिति, केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जनकल्याण की योजनाएं, परियोजनाओं का कार्यान्वयन और जनता से उनका फीडबैक भी देंगे।
राज्यपाल पिछले सत्र के दौरान राजस्थान विधानसभा से पारित उन विधेयकों को लेकर भी राष्ट्रपति के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं, जो अभी तक राष्ट्रपति को नहीं भेजे गए हैं या राजभवन में ही लंबित हैं। राज्यपाल ने पूर्व में विभिन्न विभागों से विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास की रिपोर्ट भी ली थी।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य के इतिहास में पहली बार 15वीं राजस्थान विधानसभा के छठे सत्र में अपना औपचारिक संबोधन शुरू करने से पहले संविधान की प्रस्तावना और मौलिक कर्तव्यों को पढ़कर पहल की। साथ ही सभी विधायकों ने भी इसे पढ़ा। इसी तरह, उन्होंने ही विश्वविद्यालयों के समारोह में भी संविधान की प्रस्तावना और कर्तव्यों को पढ़वाने की शुरुआत की। राज्यपाल प्रत्येक कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते है।
आदिवासी मुद्दे, कृषि क्षेत्र में सुधार, जल जीवन मिशन की प्रगति, नई शिक्षा नीति के माध्यम से उच्च शिक्षा में बदलाव, राज्य में नवाचार के साथ-साथ जल संचयन, ड्रिप सिंचाई, राजभवन परिसर में जैविक खेती, किचन गार्डन के माध्यम से किसानों और आम जनता को दिए गए संदेश को भी वे रख सकते है। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे। राज्यपाल के सचिव भी उनके साथ दिल्ली जाएंगे। राज्यपाल कई मुद्दों पर राज्य का बचाव भी करेंगे।