जोधपुर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही पाली की 22 वर्षीय युवती ने किराए के कमरे में फांसी लगा ली। इस बात की जानकारी परिजनों को हुई तो उनके होश उड़ गए। वे तुरंत जोधपुर पहुंचे। बुधवार को नरलाई में अंतिम संस्कार किया गया। लड़की ने रीट की परीक्षा दी थी। दो दिन बाद 28 सितंबर को उसने अपने कमरे में फांसी लगा ली।
नरलाई गांव के 22 वर्षीय सुमनकंवर डोडिया जोधपुर के सरदारपुरा सी इलाके में एक दोस्त के साथ किराए के कमरे में रहती थी। दोनों प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। सुमन का आईएएस बनने का सपना था। परिवार ने बताया कि सुमन शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बी.एड. किया और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जोधपुर में रहने लगी। दो दिन गांव में रहने के बाद वह जोधपुर चली गई। 26 सितम्बर को उसने REET परीक्षा दी और 28 सितंबर को उसने जोधपुर में अपने किराए के कमरे में फांसी लगा ली। उस समय उसकी रूम पार्टनर गांव गयी हुई थी।
पुलिस को सुमन के कमरे से एक नोट मिला। इसमें एक ही लाइन 35 बार लिखी हुई मिली – 'REET का एग्जाम अच्छा हुआ, चयन जरूर होगा, जय ओम बन्ना।' इसके अलावा कुछ नहीं मिला। होनहार बेटी की आत्महत्या से परिवार सदमे में है। उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि सुमन ने आत्महत्या की है। उन्हें लगता है कि उसके साथ कुछ बुरा हुआ है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है।
सुमन की मां धापू कंवर देसूरी के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। सुमन उनकी सबसे बड़ी बेटी थी। रोते हुए धापू कंवर का कहना है कि उनका सपना IAS बनकर परिवार का नाम रोशन करना था। फिर वह ऐसा कदम कैसे उठा सकती है? कोई दिक्कत होती तो एक बार बोल देती। ऐसा कदम क्यों उठाया?
नरलाई निवासी भीक सिंह की पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उसने दूसरी बार धापू कंवर से शादी की। शादी के बाद उनकी दो बेटियां सुमन और प्रेरणा हुई। प्रेरणा 12वीं में पढ़ती है। भीक सिंह 80 साल के हैं। वह पिछले कई सालों से मानसिक रूप से बीमार है। ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारी धापू कंवर के कंधों पर थी। वह बेटी सुमन को आईएएस बनाने के लिए जद्दोजहद कर रही थी। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के बाद भी सुमन ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया, बीएड किया और जोधपुर में आईएएस की कोचिंग ले रही थी। जिससे उनका सपना साकार हो सके।