लखीमपुर में अरदास: 5 राज्यों के 50 हजार किसान हुए शामिल, प्रियंका गांधी पहुंचीं, लेकिन मंच पर जगह नहीं मिली

लखीमपुर हिंसा में मारे गए चारों किसानों की आत्मा के लिए मंगलवार को तिकुनिया में आखिरी अरदास (श्रद्धांजलि सभा) शुरू हो गई है। मौके से करीब एक किमी की दूरी पर 30 एकड़ जमीन पर कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम में यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से करीब 50 हजार किसान पहुंचे हैं।
Photo | Dainik Bhaskar
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डेस्क न्यूज़- लखीमपुर हिंसा में मारे गए चारों किसानों की आत्मा के लिए मंगलवार को तिकुनिया में आखिरी अरदास (श्रद्धांजलि सभा) शुरू हो गई है। मौके से करीब एक किमी की दूरी पर 30 एकड़ जमीन पर कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम में यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से करीब 50 हजार किसान पहुंचे हैं।

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मंच पर किसी नेता को जगह नही

सबसे पहले पलिया से आए रागी जत्थे ने गुरुवाणी सुनाकर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम में मृतक किसानों और घायल किसानों के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है। अरदास में शामिल होने के लिए कई राजनीतिक नेता भी पहुंचने वाले हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा लखीमपुर पहुंच चुकी हैं। हालांकि, उन्हें सीतापुर में रोक दिया गया। रालोद नेता जयंत चौधरी भी आ रहे हैं. संयुक्त मोर्चा ने घोषणा की है कि कोई भी राजनीतिक नेता अरदास कार्यक्रम के मंच पर नहीं बैठेगा। इस कार्यक्रम में जो भी नेता आएगा वह जनता के साथ बैठेगा।

राकेश टिकैत सौमवार रात से मौजूद

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार रात ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए हैं। श्रद्धांजलि सभा में किसान जुटने लगे हैं। यहां कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में रविवार से अखंड पाठ चल रहा है। विशेष पुलिस जांच समिति के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, डीएम अरविंद चौरसिया और एसपी विजय धुल ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

मृतक किसानों को दे रहे श्रद्धांजलि

भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह ने बताया कि अरदास कार्यक्रम चल रहा है। लोग मृत किसानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पहले शबद कीर्तन किया जा रहा है। इसके बाद किसान नेता शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देंगे और अपनी बात रखेंगे। अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह और सरिता समेत कई किसान नेता सोमवार रात से ही यहां आने लगे थे।
लोगों की संख्या को देखते हुए अन्य राज्यों से आने वाले किसानों को मौके से 500 मीटर दूर कक्कड़ फार्म हाउस पर रोकने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए करीब 30 एकड़ धान की फसल को काटा गया है और यहां टेंट लगाए गए हैं।

कई जगहों पर चलेंगे लंगर

राम सिंह ढिल्लों ने कहा कि कक्कड़ फार्म हाउस में किसानों के ठहरने और लंगर की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही लखीमपुर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी लंगर की व्यवस्था की गई है. दूर-दूर से आने वाले किसानों के लिए गुरुद्वारा में लंगर की व्यवस्था की गई है।

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