MP उपचुनाव के नतीजे LIVE : प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में वोटों की गिनती जारी है।
28 सीटों के रुझान भास्कर के एग्जिट पोल जैसे ही आ रहे हैं। इनमें 19 सीटों पर भाजपा और 8 सीट पर कांग्रेस आगे है,
जबकि 1 सीट (मुरैना) पर बसपा आगे है। अब तक आए रुझानों में
भाजपा का कमल खिलता दिख रहा है।
MP उपचुनाव के नतीजे LIVE :

आगर, पोहरी और मेहगांव सीट पर भाजपा-कांग्रेस में
कांटे की टक्कर है। हर राउंड के बाद तस्वीर बदल रही है।
इनमें भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच 200 से कम वोटों का अंतर बना हुआ है।
वहीं, मलहरा और इमरती देवी की सीट पर डबरा पर भी तेजी से उलटफेर हो रहा है।
इन दोनों जगहों पर प्रत्याशियों के बीच 1500 से कम वोट का अंतर है।
केंद्रीय मंत्री तोमर के मुरैना में भाजपा तीसरे नंबर पर
कांग्रेस और भाजपा के बीच बसपा भी मैदान मारती नजर आ रही है। मुरैना में बसपा प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया आगे हैं।
इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे नंबर पर है। खास बात यह है कि यह सीट केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के
प्रभाव वाली मानी जाती है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज ने नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एक रैली में कहा था
कि आपके क्षेत्र के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर है। वह नरेंद्र मोदी के बगल में बैठते हैं। इसलिए, यहां पर
भाजपा प्रत्याशी का जीतना जरूरी है। उपुचनाव के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां 7 बार रैली रैली की।
पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रदुम्न सिंह तोमर,
बृजेंद्र सिंह यादव, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सुरेश
धाकड़ और बिसाहूलाल आगे चल रहे हैं। वहीं सिंधिया खेमे के दो मंत्री
ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया के अलावा एंदल सिंह कंषाना पीछे हैं।
ग्वालियर की तीनों सीट पर भाजपा आगे है। उधर, मालवा की 5 सीटों में से 2 पर सीट पर कांग्रेस बढ़त पर है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाले चंबल के मुरैना की 5 सीटों में से
3 सीटों पर भाजपा पीछे है। सांवेर सीट से पूर्व मंत्री सिलावट कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डु
से काफी आगे निकल चुके हैं। सिलावट 12 हजार से ज्यादा वोट से गुड्डू से आगे हैं।
चुनाव अपडेट्स:
मलहरा से भाजपा के प्रद्युम्न सिंह लोधी आगे है। वह कांग्रेस प्रत्याशी रामसिया भारती से
1729 वोट की लीड लिए हैं।
मुरैना से बसपा प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया आगे हैं।
वह कांग्रेस के राकेश मवई से 2900 वोटों से अधिक की लीड पर हैं।
यहां भाजपा तीसरे नंबर पर है। यह सीट केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाली मानी जाती है।
राज्य की जनता ने एक बार फिर विकास और जनकल्याण के लिए संकल्पित @BJP4MP को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय ले लिया है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp और साथियों के साथ देख रहा हूं। pic.twitter.com/yE4RiTG7mP
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 10, 2020
गोहद से कांग्रेस के मेवालाल जाटव आगे हैं। वह भाजपा के
रणवीर जाटव से 2000 से अधिक वोटों से आगे हैं।
मंधाता से भाजपा के नारायण सिंह पटेल आगे हैं।
वह कांग्रेस के उत्तम पाल सिंह से 13000 से अधिक वोट की लीड लिए हैं।
देवास की हाट पिपल्या से भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी आगे हो गए हैं।
वह कांग्रेस प्रत्याशी
राजवीर सिंह बघेल से 1171 वोट की लीड लिए हैं
मुरैना की जौरा सीट पर कांग्रेस के पंकज उपाध्याय आगे हैं।
वह भाजपा के सूबेदार सिंह से 1374 वोट की लीड लिए हैं।
नेपानगर में भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा देवी कास्डेकर 8941 वोट से आगे हैं।
उनका मुकाबला कांग्रेस के रामकिशन पटेल से है।
शिवपुरी की करैरा सीट से कांग्रेस के प्रागीलाल जाटव आगे हैं।
वे भाजपा प्रत्याशी जसमंत जाटव से 2457 वोट से आगे हैं।
अम्बाह से कांग्रेस प्रत्याशी सत्यप्रकाश शखवार फिर आगे हो गए हैं।
वह भाजपा प्रत्याशी कमलेश जाटव से 3900 से ज्यादा वोट की लीड लिए हैं।
ब्यावरा में कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र डांगी आगे हैं। वे भाजपा प्रत्याशी नारायण
सिंह पंवार से 9 हजार से ज्यादा वोट की लीड लिए हैं।
बदनावर में मंत्री व भाजपा प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव आगे हैं।
वे कांग्रेस की कमल सिंह पटेल से 16 हजार वोट की लीड पर हैं।
सांची से भाजपा प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी आगे हैं।
वह कांग्रेस के मदनलाल चौधरी से 12000 से ज्यादा वोट की लीड लिए हैं।
डबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री इमरती देवी आगे हैं। वह कांग्रेस के
सुरेश राजे से 800 वोट की लीड लिए हैं।
ग्वालियर से भाजपा प्रत्याशी प्रद्यु्म्न सिंह तोमर आगे हैं। वह कांग्रेस के
सुनील शर्मा से 2 हजार से ज्यादा वोट से आगे हैं।
ग्वालियर पूर्व से भाजपा प्रत्याशी मुन्ना लाल गोयल आगे हैं। वह कांग्रेस के
सतीश सिकरवार से 2 हजार वोट की लीड लिए हैं।
आगर से भाजपा के मनोज ऊंटवाल से आगे हैं। वह कांग्रेस के विपिन वानखेड़े से आगे हैं।
वह 5 राउंड में 714 वोट की लीड लिए हैं।
भांडेर से भाजपा की रक्षा राम सिरोनिया से आगे हैं।
वह कांग्रेस के फूल सिंह बरैया से 1197 वोट से लीड लिए हैं।
सुमावली में कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह आगे हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी मंत्री
एदल सिंह कंसाना से उनका मुकाबला है।
अशोकनगर की मुंगावली सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह यादव आगे हैं।
वह कांग्रेस के कन्हाई राम लोधी से 6 हजार से ज्यादा की लीड पर हैं।
अशोकनगर सीट से भाजपा के जजपाल सिंह जज्जी आगे हैं। वह कांग्रेस के
आशा दोहरे से 5000 वोट की लीड लिए हैं।
मतगणना के बीच ही सुबह साढ़े 10 बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा
शिवराज से मुलाकात के लिए सीएम आवास पहुंचे।
सबसे जल्दी रिजल्ट अनूपपुर जिले से आने की उम्मीद है। यहां 18 राउंड में काउंटिंग होगी।
सबसे लेट ग्वालियर के रिजल्ट आएंगे।
यहां 32 राउंड काउंटिंग होगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि
इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रत्येक राउंड में 14-14 टेबल होंगी।
प्रदेश में 46619 पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। सबसे ज्यादा 3675 मेहगांव में और सबसे कम 491 करैरा में पड़े हैं।
अनूपपुर में सबसे कम 18 राउंड हैं, इसलिए यहां नतीजा सबसे पहले,
जबकि 32 राउंड वाली ग्वालियर पूर्व सीट का सबसे बाद में आ सकता है।
28 सीटों पर 12 मंत्री और 2 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों और 2 पूर्व मंत्रियों ( तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पद से इस्तीफा दे चुके)
की किस्मत का फैसला भी होगा। जानकार मानते हैं कि यदि मंत्री को हार का सामना करना पड़ा, तो भाजपा में
उनकी राह आसान नहीं होगी। अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह
और प्रेमचंद गुड्डू को राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए कांग्रेस में वापसी करनी पड़ी थी।
सीटों की संख्या के मायने
शिवराज सिंह चौहान: भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शिवराज का कद तो बढ़ेगा, लेकिन सत्ता
और संगठन में सिंधिया का दखल ज्यादा होने से उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं होगी। 10 से 15
के बीच सीटें आती हैं, तो सरकार में फैसले करने में शिवराज पर संगठन का ज्यादा दबाव रहेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया: भाजपा के खाते में 20 से अधिक सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की
राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी और भाजपा में बड़े नेता के तौर पर उभर सकते हैं।
यदि 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो प्रदेश की राजनीति में कम, केंद्र में सक्रियता ज्यादा रहेगी।
कमलनाथ: कांग्रेस यदि सिंधिया के गढ़ को धराशायी कर 20 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेती है,
तो कमलनाथ का कद कांग्रेस में और बढ़ जाएगा। दूसरा पहलू यह है कि यदि वे सरकार बनाने में
कामयाब न हो सके और 10 से 15 सीटें ही मिलीं, तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक
पद छोड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।
दांव पर ‘सरकार’: जीत का गणित
विधानसभा की कुल सीटें: 230
(दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और खाली हो गई है)