पीएम और सभापति को पत्र लिखकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने की कोरोना पर सर्वदलीय बैठक की मांग

इसके साथ ही उन्होंने राहत सामग्री के वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया।
Shri Mallikarjun Kharge takes over the charge of Union Minister of Railways, in New Delhi on June 19, 2013.
Shri Mallikarjun Kharge takes over the charge of Union Minister of Railways, in New Delhi on June 19, 2013.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री और राज्यसभा के सभापति को

पत्र लिखकर कोविड संकट और सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण पर चर्चा के

लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।

खड़गे ने अपने पत्र में कोविड से निपटने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को छह सुझाव दिए हैं ।

उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बजट

में आवंटित 35,000 रुपये का उपयोग करें, टीके के उत्पादन को बढ़ाए

और टीके, पीपीई, एम्बुलेंस, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और सैनिटाइटर पर जीएसटी माफ करें।

इसके साथ ही उन्होंने राहत सामग्री के वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया।

इसी प्रकार उन्होंने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में उनसे स्थायी

समितियों की आभासी बैठकें बुलाने की मांग की ।

इससे पहले सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कोविड के संकट पर चर्चा करने के

लिए एक सर्वदलीय बैठक की मांग की थी।

पीक मई के तीसरे हफ्ते के आसपास आ सकता है

वही देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते हर दिन 4 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं। लगातार ये बात हो रही है कि इसका पीक कब आएगा। दो अलग-अलग मैथमेटिकल मॉडल्स ने दूसरी लहर के पीक को लेकर लगभग एक जैसे अनुमान लगाए हैं। इसके मुताबिक ये पीक मई के तीसरे हफ्ते के आसपास आ सकता है, लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि हम इस संकट से कैसे निपटते हैं।

अनुमान में होने वाले इस बदलाव को लेकर एक्सपर्ट कहते हैं..

सबसे पहले बात करते हैं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ओर से जारी होने वाली रिसर्च रिपोर्ट की। हर महीने जारी होने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे भारत में इस साल 15 फरवरी से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई है। इस लहर के पीक पर आने में करीब 96 दिन लगेंगे। यानी, इस लिहाज से पीक मई के तीसरे हफ्ते में आएगा।

हालांकि इससे पहले आई SBI की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि दूसरी लहर का पीक अप्रैल के अंत तक आ सकता है, लेकिन वैक्सीनेशन की रफ्तार घटने के कारण इस अनुमान में बदलाव हुआ है। अनुमान में होने वाले इस बदलाव को लेकर एक्सपर्ट कहते हैं कि हम संकट से निपटने के लिए कौन से कदम उठाते हैं,

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