CBSE 12th Class Result : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं का रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला तय कर दिया है। 12वीं का रिजल्ट 30:30:40 के फॉर्मूले पर तय होगा। इसके तहत 10वीं, 11वीं के फाइनल रिजल्ट को 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा और 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा को 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा।
सीबीएसई एक्सपर्ट और प्रिंस एजुकेशन हब सीकर के निदेशक पीयूष सुंडा ने बताया कि कैसे एक छात्र का 12वीं का रिजल्ट तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10वीं के तीन विषयों, 11वीं के फाइनल और 12वीं के प्री-बोर्ड में प्राप्त अंकों को रिजल्ट में वेटेज दिया जाएगा।
परिणाम तीन विषयों के 30 प्रतिशत अंक जोड़कर तैयार किया जाएगा जिसमें 10 वीं में सबसे अधिक अंक प्राप्त होंगे, 11 वीं के फाइनल में प्राप्त अंकों का 30 प्रतिशत और 12 वीं पूर्व में प्राप्त कुल अंकों का 40 प्रतिशत होगा।
CBSE 12th Class Result : मामले में सुनवाई के दौरान बोर्ड ने यह भी बताया कि जो छात्र निर्धारित मापदंड के आधार पर जारी परिणाम से असंतुष्ट हैं, वे परीक्षा देना चाहते हैं।
इसलिए बाद में उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
राजस्थान बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा के करीब 21 लाख छात्रों को रिजल्ट का इंतजार करना होगा, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) सीबीएसई रिजल्ट का इंतजार कर रहा था। बोर्ड की योजना थी कि सीबीएसई का फॉर्मूला कॉपी कर रिजल्ट जारी किया जाएगा। लेकिन आरबीएसई के प्री-बोर्ड टेस्ट नहीं कराने के आदेश ने तैयारियों पर पानी फेर दिया है।
सीबीएसई ने दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की तीनों कक्षाओं में इस साल की परीक्षा के अंकों को अधिक वेटेज दिया है, जबकि अंतिम दो कक्षाओं के 30-30 प्रतिशत अंक जोड़ने की सलाह दी गई है। खासकर दसवीं और बारहवीं की प्री-बोर्ड परीक्षा को आधार बनाया जाएगा। लेकिन, राजस्थान में ऐसी कोई परीक्षा नहीं हुई थी। ऐसे में विगत दो वर्षों के परिणाम के आधार पर परिणाम देने की बाध्यता होगी। इस वर्ष केवल छात्रों के सत्रीय अंक जोड़े जा सकते हैं।
सीबीएसई बारहवीं कक्षा के छात्रों में दसवीं, ग्यारहवीं कक्षा में प्राप्त कुल अंकों का 30-30 प्रतिशत और इस वर्ष आयोजित प्री-बोर्ड परीक्षा के 40 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे। आरबीएसई में बारहवीं कक्षा के छात्र को दसवीं कक्षा के 30 प्रतिशत अंक मिलेंगे, लेकिन छात्र को कक्षा 11 में भी पदोन्नत किया गया था। वहीं, बारहवीं कक्षा में प्री-बोर्ड जैसी परीक्षा नहीं हुई थी।
ग्यारहवीं कक्षा में, अर्धवार्षिक परीक्षा को अंतिम परीक्षा माना जाएगा। जबकि, बारहवीं कक्षा में कोई व्यावहारिक परीक्षा नहीं थी। कोई टेस्ट भी नहीं लिया गया। प्री-बोर्ड भी नहीं कर सका। सीधे शब्दों में कहें तो स्कूल में बारहवीं कक्षा का एक भी अंक नहीं है। स्कूल निश्चित रूप से सेशनल मार्क्स दे सकता है।
शिक्षा विभाग के पास अब यह विकल्प है कि दसवीं को अधिक महत्व देते हुए ग्यारहवीं के अर्धवार्षिक अंकों और बारहवीं के सत्रीय अंकों को आधार बनाया जाए। फिलहाल शिक्षा विभाग ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है कि वह बारहवीं कक्षा के छात्रों को कैसे अंक देगा।
आठवीं बोर्ड ही शिक्षा विभाग के लिए दसवीं कक्षा के छात्रों को पास करने का एकमात्र प्रमुख आधार है। जिस छात्र को 10 वीं कक्षा में पदोन्नत किया गया है, उसने वास्तव में कक्षा 8 वीं में ही अंतिम परीक्षा दी थी। नौवीं में भी छात्रों का प्रमोशन हुआ था। तब भी केवल अर्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की गई थी। ऐसे में दसवीं कक्षा के छात्रों को आठवीं कक्षा की परीक्षा को विशेष महत्व देना होगा। जबकि 10वीं कक्षा में इन छात्रों ने बिल्कुल भी परीक्षा नहीं दी थी।