डेस्क न्यूज़- मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक कोयला खदान के अंदर पिछले 12 दिनों से पांच मजदूर फंसे हुए हैं, खदान में जल स्तर बहुत अधिक है, इसलिए बचाव दल जल स्तर के कम होने का इंतजार कर रहे हैं, अब मेघालय सरकार ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी है, कोयला खदान के अंदर फंसे श्रमिकों के बचाव अभियान में कोई प्रगति नहीं होते देख मेघालय सरकार ने नौसेना से मदद की अपील की है, पूर्वी जयंतिया हिल्स में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भर गई एक अवैध कोयला खदान के अंदर पिछले 12 दिनों से पांच श्रमिक फंसे हुए हैंअब तक कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा, हमने बचाव अभियान में सहायता के लिए हमें नौसेना के गोताखोर उपलब्ध कराने के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सभी विकल्प तलाश रही है।
मेघालय के सीएम संगमा ने इससे पहले बचाव अभियान को बेहद कठिन बताते हुए कहा था कि जिला प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों की कोशिशों के बावजूद अब तक कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कुल 100 बचावकर्मी जल स्तर के लगभग 10 मीटर नीचे आने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे इस तरह के जल स्तर में काम नहीं कर सकते हैं, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में राज्य भर में रैट-होल कोयला खनन पर पूर्ण प्रतिबंध था, लेकिन फिर भी राज्य में आदेश का उल्लंघन कर अवैध खनन हो रहा है।
पुलिस ने कोयला खदान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर अवैज्ञानिक खनन और कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने वाले एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
मेघालय में लगभग 560 मिलियन टन कोयला भंडार होने का अनुमान है, ज्यादातर, असम और त्रिपुरा के अवैध प्रवासी श्रमिक खनन गतिविधियों में लगे हुए हैं, एनजीटी के अनुसार, अंधाधुंध और अवैज्ञानिक खनन, खनन के बाद का उपचार, नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को पर्यावरणीय क्षरण के प्रति अधिक संवेदनशील बना रहा है, अवैध 'रैट होल' कोयला खदानों के लिए कुख्यात पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में इस साल यह दूसरी खनन घटना है।