डेस्क न्यूज़- मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक का पांच दिन पहले झुंझुनू में दिया गया बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, मलिक 17 अक्टूबर को झुंझुनू में एक सम्मान समारोह में शामिल हुए थे, इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए अंबानी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक अधिकारी से जुड़े दो सौदों को रद्द करने की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि दोनों सौदों के एवज में उन्हें 150-150 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
मलिक ने कहा- मेरे कश्मीर जाने के बाद दो फाइलें सामने आईं, अंबानी एक में शामिल थे, एक में संघ के बड़े अधिकारी थे, महबूबा सरकार के एक मंत्री थे, जो खुद को प्रधानमंत्री का करीबी बताते थे, दोनों विभागों के सचिवों ने मुझे बताया कि घोटाला हुआ है, मैंने दोनों सौदे रद्द कर दिए।
उन्होंने कहा- सचिवों ने मुझसे यह भी कहा कि इन दोनों सौदों में आपको 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं पांच कुर्ता और पजामा लाया हूं, ऐसे ही छोड़ दूंगा। मैंने उस समय प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय लिया था और उनसे मिलने गया था।
मलिक ने कहा- मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि आप बताओ इसमें क्या करना है? अगर मैं सौदा रद्द नहीं करना चाहता, तो मैं छोड़ देता हूं, मेरी जगह किसी और को रख देता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि नहीं, भ्रष्टाचार में समझौता करने की जरूरत नहीं है, कश्मीर इतना भ्रष्ट राज्य है कि अगर बाकी में 5 प्रतिशत है, तो कश्मीर में 15 प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है, लेकिन उस राज्य में इतना दहशत था कि मेरे समय में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।
मलिक ने कहा- मैंने कश्मीर से लौटने के बाद निडर होकर किसानों के लिए बात की, मैंने कश्मीर में कुछ किया होता तो ईडी आज से पहले मेरे घर पहुंच जाता, इनकम टैक्स वाले आएंगे, आज मैं छाती पीटकर कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री के पास तमाम संस्थाएं हैं, मेरी जांच कराओ, मैं इस तरह निडर रहूंगा।
किसान आंदोलन पर सत्यपाल मलिक के भाषण के बाद सोशल मीडिया पर ईडी-इनकम टैक्स की छापेमारी को लेकर काफी बहस छिड़ गई है, मलिक के दो वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, कश्मीर सौदे में अंबानी की संलिप्तता के चलते ईडी-आईटी तक पहुंचने वाले बयानों के आधार पर यूजर्स ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।