मेवाड़ राजघराना संपत्ति विवाद : संपत्ति का 4 हिस्सों में होगा बंटवारा

अरविंद सिंह और बेटी योगेश्वरी का 25-25 फीसदी हिस्सा माना, जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेन्द्र कुमार दवे ने दिलचस्प फैसला सुनाया
mahendra sing and arvind singh mewar
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उदयपुर. मेवाड़ राजघराने की संपत्ति के  विवाद पर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेन्द्र कुमार दवे ने (उदयपुर के एडीजे -2) ने बड़ा और दिलचस्प फैसला सुनाया है। MEWAR के पूर्व राज परिवार के 4 हिस्सों में संपत्ति का समान वितरण होगा। इसमें से एक हिस्सा याचिकाकर्ता महेंद्र सिंह MEWAR को, दूसरा हिस्सा उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी को, तीसरा हिस्सा छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ को और चौथा हिस्सा पिता भागवत सिंह मेवाड़ को बांटा जाएगा।

अब अरविंद सिंह मेवाड़ अगले 8 साल तक शंभू निवास पैलेस में नहीं रह पाएंगे

arvind singh mewa
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मेवाड़ राजघराने के संपत्ति विवाद में क्या किस को मिला, सब जानें

  • हालांकि,हाल ही में भगवत सिंह MEWAR की अभी मृत्यु हुई है। फैसले में एक दिलचस्प आदेश यह भी दिया गया है कि अब अरविंद सिंह MEWAR अगले 8 साल तक शंभू निवास पैलेस में नहीं रह पाएंगे।
  • पहले चार साल महेंद्र सिंह मेवाड़ होंगे, अगले चार साल उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी होंगी, जिसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ शंभू निवास में रह सकेंगे। साथ ही, कोई भी संपत्ति जो बेची नहीं गई है, व्यावसायिक रूप से उपयोग नहीं की जाएगी।  (75 प्रतिशत संपत्तियाें में उनके बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़, अरविंद सिंह मेवाड़ और बेटी योगेश्वरी का 25-25 फीसदी हिस्सा माना है)

 इस पूरे मामले को ऐसे समझें

जब भागवत सिंह ने बेटे महेंद्र को कानूनी अधिकार नहीं दिया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया15 अप्रैल 1948 को, मेवाड़ के अंतिम महाराणा भूपाल सिंह ने भारत सरकार से एक स्वीकारोक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सरकार ने भूपाल सिंह की राज्य संपत्ति के अलावा चल और अचल संपत्तियों की सूची की पुष्टि की थी। 4 जुलाई 1955 को उनकी मृत्यु के बाद, बेटे भागवत सिंह की सभी संपत्तियां हिंदू अविभाजित परिवार से थीं। महेंद्र और परिवार के सभी सदस्य कानूनी रूप से इस संपत्ति के हकदार हैं।

महेंद्र सिंह मेवाड़ ने संपत्ति के बंटवारे के बारे में 1983 में अदालत में मुकदमा दायर किया था

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र सिंह कछवा ने कहा कि उनके मुकदमेबाज महेंद्र सिंह मेवाड़ ने संपत्ति के बंटवारे के बारे में 1983 में अदालत में मुकदमा दायर किया था। इसमें, महेंद्र सिंह मेवाड़ ने महाराणा भूपाल सिंह से महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ को संयुक्त हिंदू परिवार (हिंदू अविभाजित परिवार) "एचयूएफ" की संपत्ति के रूप में दावा किया कि संपत्ति को संयुक्त संपत्ति के अनुसार विभाजित किया जाना चाहिए।

30 जून को कोर्ट ने ऑर्डर पास किया है कि यह संपत्ति संयुक्त हिंदु परिवार की संपत्ति है  कोर्ट ने भगवत सिंह मेवाड़ द्वारा की गयी वसीयत को नहीं माना और संयुक्त हिंदु परिवार के तहत संपत्ति का बराबर-बराबर बंटवारा करने के आदेश दिए हैं।

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