डेस्क न्यूज – पिछले कुछ दिनों से भारत-चीन सीमा पर तनाव जारी है, ऐसे में अक्सर ये बात सामने आ जाती है कि भारतीय सेना और चीनी सेना में से मजबूत कौनसी सेना है।
भारत-चीन – चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), जिसे भारत सहित कई पड़ोसी देशों से हमेशा विवाद में रहती है,
चीनी सेना अपने आप को दुनिया की सबसे अधिक शक्तिशाली सेना मानता है,
लेकिन यह भी एक तथ्य है कि चीनी सेना 1979 में वियतनाम जैसे छोटे देश से हार गई थी।
इसके बावजूद, चीनी मीडिया पीएलए की प्रशंसा करता रहता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की सेना उच्च तकनीकी कौशल में निपुण नहीं है और एक जगह तैनात होकर चुनौतियों से पार पाने में भी बहुत कुशल नहीं है।
अमेरिकी विदेश विभाग में पूर्व एशियाई और प्रशांत क्षेत्र मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डेविड स्टिलवेल का मानना है कि,
“चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भारत-प्रशांत क्षेत्र सहित दुनिया भर के सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं मानती है।”
ऐसी स्थिति में, सभी देशों को इस बारे में चिंतित होना चाहिए कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी वैश्विक समुदाय और उसके मूल्यों को कैसे प्रभावित कर रही है। दुनिया ने पिछले कुछ महीनों से भारतीय सीमा पर चीनी हिंसा देखी है।
चीन ने बैलिस्टिक मिसाइलों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया गया था।
दक्षिण चीन सागर पर दावा करने वाले राष्ट्रों को लगातार धमकी दी जा रही है।
ताइवान को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। जापान के सेनकाकू द्वीप के पास जहाजों की गैदरिंग देखी गई।
( भारत-चीन ) चीनी सेना में करीब 2 मिलियन सक्रिय कर्मी
ऑस्ट्रेलिया के मैकक्वेरी विश्वविद्यालय में अपराध विज्ञान और सुरक्षा अध्ययन विभाग में प्रोफेसर डॉ. बेट्स गिल, जो चीनी सेना पर अध्ययन करते हैं, उन्होनें कहा कि पीएलए में 2 मिलियन सक्रिय कर्मी हैं।
इनमें से 50 फीसदी आर्मी, 12 फीसदी नेवी और मरीन, 20 फीसदी एयरफोर्स, 6 फीसदी रॉकेट फोर्स, 8 फीसदी स्ट्रेटेजिक असिस्टेंस फोर्स और बाकी 4 फीसदी ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स असिस्टेंस फोर्स हैं।
चीनी सैनिकों की क्षमता पर लगातार उठते रहे है सवाल
इतनी बड़ी ताकत के बावजूद, चीनी सैनिकों की क्षमता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
अत्याधुनिक उपकरणों से लैस PLA के सैनिक उच्च तकनीकी कौशल में बहुत कुशल नहीं हैं और न ही उन्हें नई चुनौतियों का सामना करना सिखाया जाता है।
एक स्थान पर चीनी सैनिकों की तैनाती भी उनकी दूरदर्शिता को प्रभावित करती है।
करीब एक महिने तक चला था चीन-वियतनाम युद्ध
चीन और वियतनाम के बीच सीमा 17 फरवरी 1979 से 16 मार्च 1979 तक युद्ध हुआ था।
चीन ने वियतनाम पर आक्रमण किया। युद्ध के दौरान वियतनाम के पास सैनिकों और हथियारों की कमी थी,
लेकिन चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा और उसके लगभग 20,000 सैनिक मारे गए।
हालांकि, चीन ने हमेशा दावा किया कि उसके केवल 6 हजार सैनिक मारे गए थे।
युद्ध में वियतनाम को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
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