मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बीती रात हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के बीच तनातनी सामने आई | राजस्व विभाग के लंबित कार्यों को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। हरीश चौधरी चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। डोटासरा ने प्रशासन के गांवों के साथ प्रचार करने को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर निशाना साधा तो हरीश चौधरी ने भी जवाब दिया |
डोटासरा ने बैठक में कहा कि प्रशासन के साथ अभियान के दौरान गांवों में सबसे ज्यादा लंबित काम राजस्व मामलों का है | राजस्व मंत्री चंडीगढ़ गए हैं और बैठ गए हैं, हम किसके पास जाएं और पूछें। तहसीलदार का पद रिक्त है। प्रशासन गांवों के साथ अभियान में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के अधिकार दिए गए हैं, लेकिन इस बार उन्हें नहीं दिया गया | डोटासरा ने जोहाद की जमीन का मुद्दा भी उठाया।
इस बीच गहलोत के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और रघु शर्मा ने भी राजस्व विभाग से जुड़े लंबित कार्यों का एक-एक कर मुद्दा उठाया | कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ग्रामदानी गांवों में पट्टे नहीं दिए जा सकते, नियम आड़े आ रहे हैं | राजस्व नियम बदले बिना ग्रामदानी गांव के लोग परेशान हैं। अगर यह काम अभी नहीं किया गया तो यह कभी नहीं होगा।
राजस्व मामलों के लंबित रहने के अलावा मंत्रिपरिषद की बैठक में डोटासरा और हरीश चौधरी के बीच विवाद की असली जड़ राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई भी मानी जा रही है | हरीश चौधरी पहले प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार थे, अब उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। प्रदेश प्रभारी का पद प्रदेश अध्यक्ष से ऊपर माना जाता है। कल कैबिनेट की बैठक में सियासी अहंकार की जंग सामने आई |
इस साल जून के पहले हफ्ते में गहलोत के कैबिनेट की बैठक में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच झड़प हो गई थी | उस वक्त केंद्र से सभी मंत्रियों को राष्ट्रपति को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए वैक्सीन नहीं मिलने के मुद्दे पर विवाद हुआ था |
पंजाब के प्रभारी की जिम्मेदारी मिलने के बाद हरीश चौधरी लगातार चंडीगढ़ में डेरा डाले हुए हैं। इससे पहले भी वह एक महीने तक चंडीगढ़ में रहे थे। चंडीगढ़ से ही हरीश चौधरी विभाग चला रहे हैं। हरीश चौधरी ने प्रभारी बनते ही मंत्री पद छोड़ने की बात कही और कहा कि एक व्यक्ति के पास एक ही पद होना चाहिए।