राजस्थान में जिस तरह से कोरोना महामारी ने अपना जाल फैला रखा है उसको देखकर राजस्थान सरकार ने
भी अब घुटने टेक दिए है मौजूदा हालात की बात करे तो राजस्थान में 2 दिन से कोरोना संक्रमितों
की संख्या में थोड़ी कमी जरूर दर्ज की गई। रिकवरी दर भी बढ़ रही है, पर यह राहत की बात नहीं है।
एक्टिव केस अब भी सरकार की नींद उड़ाए हुए हैं। प्रदेश में मौजूदा समय में 1.97 लाख एक्टिव केस हैं,
जो पूरे देश का 5.65 फीसदी है। आशंका है कि बुधवार (आज) यह संख्या 2 लाख के पार चली जाएगी।
राज्य सरकार ने ऐसी ही विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
ऑक्सीजन, दवाएं, आईसीयू बेड की मांग लगातार की जा रही है।
वही प्रदेश में 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लोगों के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद राजस्थान सरकार ने इसके लिए फंड का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। सरकार विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम MLA फंड का बजट वैक्सीनेशन के लिए उपयोग करने की तैयारी में है। हर विधायक के फंड से 3 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। आज कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
विधानसभा में मार्च में जिस दिन बजट पास हो रहा था उस वक्त केवल 8 मिनट के भीतर विधायक फंड को सालाना 2.25 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने की घोषणा की गई थी। एक साथ पौने तीन करोड़ रुपए हर विधायक का फंड बढ़ाया गया था। अब राजस्थान सरकार ने हर विधायक के MLA फंड में से 3 करोड़ रुपए वैक्सीनेशन के काम में लेने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों विधायकों से अपील भी की थी कि वे विधायक फंड में से 3 करोड़ रुपए दें। मुख्यमंत्री की अपील के बाद कई विपधायकों ने सिफारिशें करनी शुरू कर दीं, लेकिन अबतक विधायकों ने 1-1 करोड़ के आसपास की सिफारिशें ही की हैं।
प्रदेश में 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लोगों के दो बार वैक्सीनेशन के लिए 7 करोड़ डोज चाहिए, जिस पर सरकार ने 3 हजार करोड़ रुपए खर्च आने कर अनुमान लगाया है। राजस्थान में 200 विधायक हैं। हर विधायक के MLA फंड से 3 करोड़ लिए जाएंगे। इस तरह 600 रुपए सरकार जुटा लेगी।। यह रकम वैक्सीनेशन के कुल खर्च की 20 फीसदी होगी।