डेस्क न्यूज – मेवे सेहत के लिए अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें जरूरत से ज्यादा भी नहीं खाना चाहिए।
तो क्या है काजू, बादाम या अखरोट मेवे को खाने का सही तरीका? और इन्हें खाने से शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं?
जर्मनी की येना यूनिवर्सिटी (University of Jena) के प्रोफेसर मिषाइल ग्लाई बताते हैं, मेवे
“इससे ब्लड शुगर और लिपिड मेटाबोलिज्म के पैरामीटर पर असर होता है जिससे टाइप टू डायबिटिज के अलावा दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम कम होता है।”
प्रोफेसर ग्लाई के अनुसार बादाम हमारा जीवन लंबा करता है।
लेकिन यह होता कैसे है, इस पर दुनिया भर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।
म्यूनिख मेडिकल कॉलेज में अखरोट पर एक स्टडी की गई है।
स्टडी में भाग लेने वाले एक व्यक्ति हैं डीटर गैर्शवित्स। आठ हफ्तों तक उन्होंने हर दिन एक मुट्ठी यानि 43 ग्राम अखरोट खाया।
उसके बाद तुलनात्मक अध्ययन के लिए आठ हफ्ते तक कोई अखरोट नहीं। हर दिन बराबर कैलरी का सेवन।
अखरोट का सबसे महत्वपूर्ण असर खून में मौजूद वसा पर
अखरोट खाने से पहले और उसके बाद दोनों ही उन्होंने अपनी मेडिकल जांच करवाई। जांच के नतीजे ने उन्हें हैरान कर दिया। वह कहते हैं, “मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि नियमित रूप से अखरोट खाने पर ऐसा नतीजा हो सकता है।” अखरोट का सबसे महत्वपूर्ण असर खून में मौजूद वसा पर था। खराब कोलेस्ट्रॉल समझे जाने वाले एलडीएल में अखरोट की वजह से 7 प्रतिशत की कमी आई।
अखरोट खाने वाले मरीजों को दिल का दौरा कम पड़ता है
म्यूनिख मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर पारहोफर लका कहना है, “शायद यही संभव कारण है कि नियमित रूप से । क्योंकि हमें पता है कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों के मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” क्लाउस गैर्शवित्स उसके बाद से अखरोट और बादाम के फैन हो गए हैं। सिर्फ कोलेस्ट्रॉल की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए भी कि इससे उनका वजन भी कम हुआ है।
अखरोट में 65 फीसदी फैट और 15 प्रतिशत प्रोटीन होता है
यह बहुत ही आश्चर्यजनक बात है क्योंकि आम तौर पर बादाम और अखरोट को कैलरी बम कहा जाता है। अखरोट में 65 फीसदी फैट और 15 प्रतिशत प्रोटीन होता है। प्रोफेसर ग्लाई कहते हैं, “इस बात के लगातार सबूत मिल रहे हैं कि नियमित रूप से अखरोट खाने पर हमारे शरीर के वजन पर सकारात्मक असर पड़ता है और यह वजन कम करने में मदद करता है।” लेकिन इसकी एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि बादाम सामान्य खाने के अलावा नहीं, बल्कि खाने के किसी हिस्से को छोड़कर लिया जाए।
वजन पर हुआ सकारात्मक असर इस वजह से भी हो सकता है कि बादाम खाते समय हम उसे थोड़ा तोड़ते भर हैं, उसे चबाकर अत्ंयत महीन नहीं करते। शायद अखरोट के टुकड़े पेट में पूरी तरह पचते नहीं।