डेस्क न्यूज़- मध्यप्रदेश के मुरैना में 20 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई हैं। बता दे कि मुख्यमंत्री नें मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और SP अनुराग सुजातिया को हटाने का आदेश दिया है। एसडीओपी को संस्पेंड कर दिया गया हैं।
3 दिन में जहरीली शराब से 20 लोगों की मौत
मुरैना के जिस विसंगपुरा-मानपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 3 दिन में 20 लोगों की जान चली गई। उसीमें पांच साल पहले शराबबंदी का निर्णय लिया गया था।
मरने वालों में शराब तस्कर का भाई भी शामिल है। मानपुरा गांव के आठ लोग मरने वालों में शामिल हैं।
सुमावली के पहावली गांव के चार लोगों की मौत हुई है। इनमें दो सगे भाई हैं।
इस मामले में प्रभारी आबकारी अधिकारी जावेद खां और बागचीनी थाना प्रभारी
अविनाश राठौड़ समेत दो बीट प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा छैरा-मानपुरा में
दुकान-गुमटियों से अवैध शराब बेचने वाले सात
शराब तस्कर मुकेश किरार, मानपुरा के गिर्राज किरार, उसके बेटे राजू किरार, पप्पू शर्मा और उसके बेटे कल्ला शर्मा, रामवीर राठौर और उसके बेटे प्रदीप राठौड़ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पिछली सरकार द्वारा नई शराब नीति लागू की गई थी। जिसमे नई दुकानें खोलने के बजाय,डिमांड वाले इलाकों में उप-दुकान खोलने का फैसला किया था। लेकिन यह नीति अवैध शराब की बिक्री रोकने में असरदार साबित नही हुई ।
ऐसे हुआ खुलासा
जहरीली शराब का खुलासा हुआ, जब छैरा-मानपुर में 52 साल के एक व्यक्ति की रविवार देर रात मौत हो गई। हार्टअटैक समझकर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, मगर सोमवार की सुबह जब एक-एक कर गांव के 28 से अधिक लोगों को उल्टियां शुरू हो गई। उसके बाद गांववाले उन्हें जिला अस्पताल ले गए। शराब पीने वाले लोगो में 2 लोगों की इलाज से पहले, 7 की जिला अस्पताल में और 3 की ग्वालियर में मौत हो गई। पहले ट्रैक्टर से शव ले जाने की गांववालों ने जिद की, उसके बाद एंबुलेंस से शव उतारकर मुरैना-जौरा हाईवे पर दो घंटे जाम लगा दिया।
मध्य प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब के सेवन 10 लोगों की मौत दस से ज्यादा अस्पताल में भर्ती
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