अपाहिज बच्चे को कंधे पर लटका कर माँ ने पैदल 809 KM सफर किया तय

इन प्रवासी मजदूरों का दर्द बयां करती कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो हर किसी को झकझोर रही हैं।
अपाहिज बच्चे को कंधे पर लटका कर माँ ने पैदल 809 KM सफर किया तय

न्यूज़- कोरोना संक्रमण चलते देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन है। 25 मार्च 2020 से शुरू हुआ लॉकडाउन कब खत्म होगा। इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लॉकडाउन उद्योग-कारखाने बंद होने से लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर परिवहन के साधन नहीं चलने के कारण पैदल ही अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं।

इन प्रवासी मजदूरों का दर्द बयां करती कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो हर किसी को झकझोर रही हैं। ऐसी ही मामला मध्य प्रदेश के पन्ना में देखने को मिला है। यहां एक मां अपने विकलांग बच्चे को लाठी से बने झूले में सूरत से लेकर पन्ना पहुंची है।

जानकारी के अनुसार इस मजदूर महिला का नाम राजकुमारी है। राजकुमारी अपने बच्चों के साथ गुजरात के सूरत से मध्य प्रदेश के सागर तक के लिए पैदल ही सफर कर रही है। जो 809 किलोमीटर का है। रास्ते में किसी बस वाले को दया आई तो उसे थोड़ी दूर तक लिफ्ट दे दी। पन्ना के रूद्र प्रताप स्कूल के सामने लोगों को देखने को मिली जब उसे एक बस ने नेशनल हाईवे पर उतार दिया था और वहां से 100 किलोमीटर दूर इस तरह मझगवां के लिए पैदल चल पड़ी।

राजकुमारी का कहना है कि उसके पास खाने-पीने को कुछ नहीं है। रास्ते में लोगों की मदद से भोजन किया और अपने बच्चे को कंधे पर लटकाकर चलते रही। पन्ना में स्थानीय लोगों ने उसे देखा तो कुछ खाने की व्यवस्था की। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने जब राजकुमारी को इस तरह बच्चे को टांगकर जाते हुए देखा तो पहले लगा कि कोई मृतक होगा। जब उन्हें असलियत का पता जला तो होश उड़ गए।

रास्ते में जिस बस वाले ने उसे बिठाया, उसने 200 रुपए किराया भी लिया और पन्ना की नेशनल हाईवे पर छोड़ दिया। उसकी हालत का पता चलने पर स्थानीय लोगों ने कुछ मदद की और प्रशासन को सूचना दी। तब पन्ना के तहसीलदार दीपक चतुर्वेदी ने एक एंबुलेंस की व्यवस्था की जो राजकुमारी और उसके तीनों बच्चों को लेकर मॉडल पब्लिक स्कूल बाईपास के क्वारंटीन सेंटर पहुंची। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने वहां से बस वाहन की व्यवस्था कर उसे सतना के लिए रवाना कर दिया।

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