पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई अहम बैठक से पहले पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से पाकिस्तान को लेकर राग अलापा है। उन्होंने कहा, सरकार दोहा में तालिबान से बातचीत कर रही है। अगर जम्मू-कश्मीर में अमन लाना है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में बातचीत करनी चाहिए और मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए।
बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के आवास पर गुपकार गठबंधन के सदस्यों दलों की बैठक थी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर मंथन चल रहा था। बैठक के बाद पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमसे जो छीन लिया गया है, हम उसके बारे में बात करेंगे। महबूबा का इशारा अनुच्छेद-370 की तरफ था। इसके साथ वहीद पारा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना चाहिए। वह कैदियों की रिहाई पर जोर देंगी। इसी दौरान उन्होंने पाकिस्तान से बात करने की वकालत की।
केंद्र सरकार प्रदेश के नेताओं से बात करने जा रही है। ऐसे में महबूबा का बयान नया विवाद पैदा कर सकता है। क्योंकि प्रदेश के मुद्दे पर सरकार पाकिस्तान की दखलअंदाजी नहीं चाहती। उधर, महबूबा मुफ्ती के बयान पर जानकारों का कहना है कि बैठक से पहले उन्होंने ये सियासी शिगूफा छोड़ा है, जिसका सरकार पर कोई असर नहीं होने वाला।