डेस्क न्यूज – पड़ोसी देश म्यांमार में सोमवार को तख्तापलट हो गया है।
म्यांमार (Myanmar) की सेना ने देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट समेत कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा करते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया है।
म्यांमार सैन्य टेलीविजन के मुताबिक, सेना ने एक साल के लिए देश पर नियंत्रण कर लिया है।
सेना के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग के पास सत्ता जाती है। (Myanmar)
म्यांमार में मचे इस सियासी भूचाल पर वहां की सेना का कहना है कि चुनाव में हुई धोखाधड़ी के जवाब में तख्तापलट की कार्रवाई की गई है।
तख्तापलट के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना की टुकड़ियों की तैनाती कर दी गई है।
म्यांमार के मुख्य शहर यांगून में सिटी हॉल के बाहर सैनिकों को तैनात किया गया है ताकि कोई तख्तापलट का विरोध न कर सके।
इससे पहले, सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता न्यंट ने आंग सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की।
साथ ही उन्होंने कहा, ”हम अपने लोगों से कहना चाहते हैं कि वे जल्दबाजी में जवाब न दें। वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करें।”
करीब 50 साल रही सैन्य तानाशाही
म्यांमार में लंबे समय तक सैन्य शासन रहा है।
वर्ष 1962 से लेकर साल 2011 तक देश में सैन्य तानाशाही रही है।
वर्ष 2010 में म्यांमार में आम चुनाव हुए और 2011 में म्यांमार में ‘नागरिक सरकार’ बनी, जिसमें जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथ देश की कमान सौंपी गई।
नागरिक सरकार बनने के बाद भी असली ताकत हमेशा सेना के पास ही रही।
इसलिए आज की घटना राजनीतिक संकट का वास्तविक रूप है।
म्यांमार के लोकतांत्रिक व्यवस्था को बाधित करने के किसी भी प्रयास चिंताजनक
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि म्यांमार की सेना ने देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और अन्य वरिष्ठ नागरिकों को गिरफ्तार कर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने का कदम उठाया है।
अमेरिका ने म्यांमार की सेना को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका ने हाल के चुनावों के परिणामों को बदलने या म्यांमार के लोकतांत्रिक व्यवस्था को बाधित करने के किसी भी प्रयास का विरोध किया है।
अगर ये तख्तापलट खत्म नहीं हुआ, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मरिज पायने ने नेशनल असेंबली के शांतिपूर्ण पुनर्गठन का पुरजोर समर्थन किया
वहीं ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मरिज पायने ने सू की की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि
हम नवंबर 2020 के आम चुनाव के परिणामों के अनुरूप नेशनल असेंबली के शांतिपूर्ण पुनर्गठन का पुरजोर समर्थन करते हैं।
बता दें कि म्यांमार के सांसदों को पिछले साल के चुनाव के बाद से संसद के पहले सत्र के लिए राजधानी नयापीटा में सोमवार को इकट्ठा होना था।