कोरोना को दो अच्छी खबरें : 2-DG को इमरजेंसी अप्रूवल, बिना पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाए कोविड सेंटर भर्ती हो सकेंगे मरीज

कोरोना से जारी लड़ाई के खिलाफ दो राहत भरी खबर आई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा से कोरोना के इलाज को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है
कोरोना को दो अच्छी खबरें : 2-DG को इमरजेंसी अप्रूवल, बिना पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाए कोविड सेंटर भर्ती हो सकेंगे मरीज
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कोरोना को दो अच्छी खबरें :  कोरोना से जारी लड़ाई के खिलाफ दो राहत भरी खबर आई है।

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा से कोरोना के इलाज को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है।

कोरोना संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा।

जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी RT-PCR रिपोर्ट भी निगेटिव आई।

वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को भर्ती करने की पॉलिसी में बदलाव किया है।

पानी में घोलकर दी जाती है दवा

कोरोना को दो अच्छी खबरें :  अप्रैल 2020 में, कोविड -19 महामारी की पहली लहर के दौरान,

INMAS-DRDO के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद की सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की मदद से 2-DG को लैब में टेस्ट किया।

स्टेंडर्ड ऑफ केयर (SoC) मानक से तुलना करें तो दवा लेने वाले मरीजों में ढाई दिन के अंदर ही तेजी से बदलाव देखे गए।

दवा पाउडर के रूप में मिलती है।

इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है।

ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है।

लैब टेस्टिंग में पता चला कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है।

DRDO ने बयान जारी कर कहा है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।

220 मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया

दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में किया गया। ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42% से घटकर 31% हो गई।

17 अस्पतालों में 110 मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल

  • DGCI ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-DG का दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था।
  • अक्टूबर 2020 तक चले ट्रायल में दवा 2-DG को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद मिली।
  • फेज-2 ट्रायल A और B फेज में किया गया। इनमें 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। फेज-2A में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे, जबकि फेज-2B में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को भर्ती करने की पॉलिसी में बदलाव किया

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को भर्ती करने की पॉलिसी में बदलाव किया है। अब कोविड सेंटर में भर्ती होने के लिए मरीजों को पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं होगा। यानी अब संदिग्ध मरीज भी कोविड सेंटर में भर्ती हो सकेंगे। उन्हें संदिग्ध मरीजों के वार्ड में रखा जाएगा।

हेल्थ मिनिस्ट्री की नई पॉलिसी में ये नियम

  • कोरोना के संदिग्ध मरीजों को कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के सस्पेक्ट वॉर्ड में भर्ती किया जा सकेगा।
  • किसी भी मरीज को सर्विस देने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसमें ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं भी शामिल हैं, भले ही मरीज किसी दूसरे शहर का ही क्यों न हो।
  • किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं किया जा सकता है। भले ही उसके पास उस शहर का वैलिड आईडी कार्ड न हो, जहां पर अस्पताल स्थित है। अस्पताल में एंट्री जरूरत के हिसाब से होगी।

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