फरवरी में सरकार ने राज्‍यों से कोयला भंडार बढ़ाने को कहा था, फिर भी छा गया संकट

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए
फरवरी में सरकार ने राज्‍यों से कोयला भंडार बढ़ाने को कहा था, फिर भी छा गया संकट

डेस्क न्यूज. देश के विभिन्न बिजली संयंत्र इस समय कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला की आपूर्ति सामूहिक रूप से मंगलवार को 20 लाख टन को पार कर गई है. उन के दावे के अनुसार बिजली स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति बढ़ा दी गई है. वहीं यह बात भी सामने आई है कि फरवरी में ही सरकार ने राज्यों को पत्र भेजकर कोयले का स्टॉक सुनिश्चित करने को कहा था.

फरवरी में ही सरकार ने राज्यों को पत्र भेजकर कोयला भंडार सुनिश्चित करने को कहा था

एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 फरवरी को कोयला मंत्रालय ने राज्यों और निजी बिजली संयंत्रों को आवंटन के हिसाब से कोयले उठाने को कहा था. पत्र में कोयला सचिव अनिल जैन ने यह भी आशंका जताई थी कि अगर कोयला नहीं उठाया गया तो कोल इंडिया के भंडार में स्वत: आग लग सकती है. जैसा कि आमतौर पर कोयला जमा के मामले में होता है।

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए

इसके बाद ऊर्जा सचिव आलोक कुमार और अतिरिक्त सचिव विवेक कुमार देवगन की ओर से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए. इन पत्रों में ऊर्जा की बढ़ती मांग के कारण ईंधन की कमी की चेतावनी दी गई थी।

कोयला खदानों पर मानसून के प्रभाव की भी चर्चा हुई

इसके साथ ही कोयले की खदानों पर मानसून के प्रभाव की भी चर्चा हुई।

ऐसे में बिजली संयंत्रों को कोयले के समुचित भण्डार की व्यवस्था करने

और कोल इंडिया का बकाया चुकाने को भी कहा गया, ताकि उन्हें ईंधन की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहे.

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