सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग वाले इलाके में अगले आदेश तक सुरक्षा कड़ी कर दी है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने हिंदू पक्षों को ज्ञानवापी विवाद से संबंधित सभी मामलों को एक साथ लेने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी।
ज्ञानवापी में शिवलिंग की सुरक्षा के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने खुशी जाहिर की है। हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल वाराणसी मामले में इंतजामिया कमेटी की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि यह दावा कानूनी रूप से चलने योग्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस अर्जी पर फैसला आने के आठ हफ्ते बाद तक शिवलिंग की सुरक्षा का आदेश जारी रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस अर्जी पर फैसला आने के आठ हफ्ते बाद तक शिवलिंग की सुरक्षा का आदेश जारी रहेगा।
प्रबंदिया समिति के आवेदन को वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने 12 सितंबर को खारिज कर दिया था। इसके बाद के आठ सप्ताह आज, शुक्रवार, 11 नवंबर, 2022 को समाप्त हो रहे थे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया कि शिवलिंग की रक्षा का आदेश जारी रखा जाए।
उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद को खुशी है कि शिवलिंग की सुरक्षा पर किसी ने आपत्ति नहीं की। विरोधी पक्ष ने यह भी कहा कि उन्हें इस सुरक्षा को आगे बढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं है। यह सुरक्षा दोनों पक्षों की सहमति से जारी रहेगी।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने हिंदू पक्षों को ज्ञानवापी विवाद पर दायर सभी मुकदमों को समेकित करने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी।