डेस्क न्यूज़- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने एक नियम याद दिलाया, जिसकी वजह से सरकार द्वारा प्रस्तावित दो नामों को दौड़ से बाहर किया जा सकता है। बैठक में मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के ही एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को पुलिस प्रमुख जैसे पदों पर नहीं रखा जाना चाहिए, जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम का हो। महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डीजी केआर चंद्रा और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीकेएस कौमुदी के नामों पर चर्चा हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी। नया CBI डायरेक्टर ।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य न्यायाधीश
एनवी रमना के अलावा सदन में विपक्ष के नेता अधीर रंजन
चौधरी भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में जस्टिस
रमना ने '6 महीने का नियम' याद दिलाया। रिपोर्ट्स के
मुताबिक बैठक में यूपी के डीजीपी एचसी अवस्थी का भी नाम है। सूत्रों के मुताबिक रमण ने बैठक में कहा
कि पैनल को नियमों के आधार पर ही किसी नाम पर
विचार करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश की राय का समर्थन नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी किया है।
बैठक में इस नियम के आधार पर बीएसएफ प्रमुख राकेश अस्थाना का नाम खारिज कर दिया गया,
जो 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख वाईसी मोदी भी 31 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इन दोनों नामों को सीबीआई की शीर्ष पद की दौड़ में माना जाता था। ऐसे में सभी नामों में वरिष्ठ सीआईएसएफ प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। 4 महीने बाद पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक हुई। नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने नामों के चयन में नियमों का ठीक से पालन नहीं किया है।
नियम के अनुसार सीबीआई के निदेशक के पद पर किसी भी ऐसे अधिकारी के नाम पर विचार किया जाना चाहिए जिसे भ्रष्टाचार के मामलों को संभालने का अनुभव हो और वरिष्ठता क्रम के मुताबिक भी सीनियर हो। बता दें कि आरके शुक्ला फरवरी में सीबीआई निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, तब से अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा के पास एजेंसी का प्रभार है। नया CBI डायरेक्टर ।