डेस्क न्यूज़- अरब सागर से चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत 7 राज्यों पर बना हुआ है। यह तूफान आज दोपहर 12 से 3 बजे के बीच गुजरात के पोरबंदर तट से टकरा सकता है। इसके बाद दोपहर तीन से छह बजे के बीच पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच से तूफान गुजरेगा। इस दौरान तूफान की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
23 साल बाद गुजरात में ऐसा भयानक तूफान आ
रहा है। इससे पहले 9 जून 1998 को कच्छ
जिले के कांडला में ऐसा भयानक तूफान आया
था। इसमें 1173 लोगों की मौत हुई और 1774
लोग लापता हो गए थे। गुजरात के तटीय इलाकों से करीब डेढ़ लाख
लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से
हजारों घरों को खाली करा लिया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के
महानिदेशक (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने
बताया है कि राज्य के 17 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया है कि एनडीआरएफ की 100 से अधिक टीमों को 7 जिलों में तैनात किया गया है। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर हो सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में ही 50 टीमें तैनात हैं। वहीं, तूफान के कारण महाराष्ट्र में मुंबई समेत कई तटीय जिलों को टीकाकरण रोकना पड़ा है। मुंबई समेत कई शहरों में यहां अलर्ट है।
कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में तूफान से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। वही महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार दोपहर 3 बजे एक पेड़ के झोपड़ी पर गिरने से 17 और 12 साल की दो बहनों की मौत हो गई। उनकी मां की हालत गंभीर है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि तूफान के कारण राज्य में 2 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई। इसमें 2 साल का एक बच्चा और दूसरा 36 साल का व्यक्ति शामिल है।
मौसम विभाग का कहना है कि गुजरात इस चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के घर पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान हो सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया।
तूफान की संभावना को देखते हुए भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। वायुसेना ने 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलिकॉप्टर को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड अलर्ट पर है। साथ ही मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
कर्नाटक के 6 जिलों पर इसका बुरा असर पड़ा है। इन जिलों के 73 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। इन 6 जिलों में से 3 समुद्री सीमा से सटे हैं। पिछले 24 घंटों से सभी में भारी बारिश हो रही है। यहां 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।