डेस्क न्यूज़- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है। वहीं, सिप्ला कंपनी को इस वैक्सीन के आयात की मंजूरी मिल गई है। यह देश की चौथी वैक्सीन है जिसे मंजूरी मिल गई है। इससे पहलेCovaxin, Covishieldऔर Sputnik-V को भी मंजूरी मिल चुकी है। मॉडर्ना की ओर से बताया गया है कि अमेरिकी सरकार ने भी भारत को मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन के डोज एक निश्चित संख्या में भारत को डोनेट करने की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने आपातकालीन उपयोग के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी थी।
मॉडर्ना और फाइजर उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत सरकार से आपातकालीन उपयोग की अनुमति देने के बाद लोकल ट्रायल की बाध्यता को खत्म करने की अपील की। सरकार ने अभी तक वैक्सीन के उपयोग के बाद होने वाले साइड इफेक्ट के लिए हर्जाने या जवाबदेही जैसी शर्तों पर निर्णय नहीं लिया है। DCGI ने 1 जून को कहा था कि अगर मॉडर्न के टीके को प्रमुख देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है, तो भारत में इसके लॉन्च होने के बाद ब्रिजिंग ट्रायल की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
फाइजर और मॉडर्न ने शर्त रखी है कि इन्डेम्निटी मिलने पर ही वे भारत को वैक्सीन भेजेंगे। यह क्षतिपूर्ति वैक्सीन कंपनियों को सभी कानूनी दायित्व से मुक्त करती है। यदि भविष्य में वैक्सीन के कारण कोई गड़बड़ी होती है, तो इन कंपनियों से मुआवजा नहीं मांगा जा सकता है।
वर्तमान में देश में टीकाकरण अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट की कोवेशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का उपयोग किया जा रहा है। रूस के स्पुतनिक-वी को भी भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा डीआरडीओ ने कोविड से बचाव के लिए 2-डीजी दवा बनाई है। इसके आपातकालीन उपयोग को भी मंजूरी दे दी गई है। यह एक पाउडर है, जो पानी में घोल कर दिया जाता है।