डेस्क न्यूज़- पंजाब कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से चल रही गुटबाजी और खींचतान अब दिल्ली पहुंच गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के 3 सदस्यीय पैनल के सामने पेश होने के लिए संसद पहुंचे। यहां समिति ने मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके कार्यालय में 90 मिनट तक मुलाकात की। इसके बाद कैप्टन वहां से चले गए। कैप्टन की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
तीन सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे थे। इसमें हरीश रावत और जेपी अग्रवाल भी शामिल थे। अमरिंदर सोमवार को ही दिल्ली पहुंचे थे। इससे पहले कांग्रेस के एक पैनल ने 10 जून को पंजाब में गुटबाजी को लेकर अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी है। वही बता दे कि अमरिंदर, सुनील जाखड़ के अलावा 10 मंत्री और 12 विधायक भी कांग्रेस कमेटी से मिलने जा रहे हैं। इससे पहले पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू की बयानबाजी पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पार्टी इस पर संज्ञान लेगी। इससे पहले सोमवार को पंजाब के विधायक राजकुमार वेरका, सांसद औजला और कुलजीत नागरा ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
राहुल से मिलने वालों में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत चन्नी, भारत भूषण आशू, रजिया सुल्ताना, साधु सिंह धर्मसोत शामिल हैं। इनके अलावा परगट सिंह, कीकी ढिल्लों, संगत गिलजियां, नवतेज चीमा, कुलबीर सिंह जीरा की राहुल गांधी के साथ मीटिंग होगी। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा था कि राहुल गांधी से मुलाकात का संदेश आया है। बैठक का उद्देश्य वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करना है। पिछले कुछ समय से वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। सभी विवादों का समाधान जरूरी है। इसलिए राहुल गांधी ने बैठक का न्योता दिया है।