डेस्क न्यूज़- ट्विटर ने आज सुबह एक घंटे के लिए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के हैंडल को ब्लॉक कर दिया। इसका कारण यह बताया गया कि उन्होंने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के हैंडल को फिर से खोल दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'दोस्तों! आज एक बहुत ही अजीब घटना घटी। ट्विटर ने मेरे अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। प्रसाद ने यह जानकारी पहले देशी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग साइट कू और फिर ट्विटर के जरिए साझा की है।
ट्विटर पर अकाउंट ब्लॉक होने के बाद रविशंकर प्रसाद ने स्थानीय सोशल मैसेजिंग एप कू पर अपनी बात लिखी। उन्होंने लिखा कि फ्रेंड्स! आज कुछ बहुत ही अजीब हुआ। ट्विटर ने लगभग एक घंटे के लिए मेरे अकाउंट तक एक्सेस रोक दी। बताया गया कि अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का कथित उल्लंघन हुआ है। बाद में उन्होंने मुझे अकाउंट एक्सेस करने की परमिशन दे दी। ट्विटर की कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4(8) का उल्लंघन है। वे मेरे खाते तक पहुंच को अवरुद्ध करने से पहले मुझे कोई भी सूचना नहीं दे पाए।
रविशंकर प्रसाद ने लिखा कि अब यह स्पष्ट है कि ट्विटर इंटरमीडियरी गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार क्यों कर रहा है, क्योंकि अगर ट्विटर इसका पालन करता है, तो यह किसी के खाते तक पहुंच से मनमाने ढंग से इनकार नहीं कर पाएगा और यह उनके एजेंडे के अनुरूप नहीं होगा।
डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (डीएमसीए) एक यूएस कॉपीराइट एक्ट है। अक्टूबर 1998 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कानून बनाया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का उद्देश्य किसी भी सामग्री को चोरी से बचाना और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है। इसके अंतर्गत सभी प्रकार के डिजिटल उत्पाद जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं। अधिकांश ब्लॉग लेखक या सामग्री निर्माता अपनी सामग्री की सुरक्षा के लिए इस कानून का उपयोग करते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी के कंटेंट को बिना परमिशन के कॉपी करता है तो उसके खिलाफ DMCA के तहत शिकायत की जा सकती है।
आईटी मंत्री की सोशल मीडिया कंपनी की यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में पिछले सप्ताह ट्विटर के प्रतिनिधियों को आईटी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति के समक्ष पेश किया गया था। समिति ने कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि क्या आप देश के कानून का पालन करते हैं? इस पर ट्विटर के प्रतिनिधियों ने कहा- हम अपनी नीति का पालन करते हैं, जो देश के कानून के मुताबिक है। इस तर्क पर आपत्ति जताते हुए समिति ने कंपनी से कड़े लहजे में कहा कि देश का कानून सबसे बड़ा है, आपकी नीति नहीं।