डेस्क न्यूज़- कोरोना पर सुप्रीम सुनवाई – कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी और अन्य समस्याओं के बारे में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र से पूछा, संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आपकी योजना क्या है? क्या टीकाकरण ही मुख्य विकल्प हैं?
सुनवाई की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, 'हमें लोगों के जीवन को बचाने की आवश्यकता है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम हस्तक्षेप करेंगे। हम राष्ट्रीय आपदा के समय मूकदर्शक नहीं रह सकते। हम उच्च न्यायालयों की मदद करने की जिम्मेदारी को पूरा करना चाहते हैं। इस मामले में, उन अदालतों (एचसी) को भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को करेगा।
1. SC ने केंद्र से पूछा – ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में केंद्र को मौजूदा स्थिति को स्पष्ट करना होगा। कितना ऑक्सीजन है? राज्यों को कितनी जरूरत है? केंद्र से राज्यों को ऑक्सीजन के आवंटन का आधार क्या है? यह तेजी से जानने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है कि राज्यों को इसकी कितनी आवश्यकता है?
2. गंभीर स्वास्थ्य आवश्यकताओं में वृद्धि की जाए। कोविड बेड भी बढ़ाए जाए।
3. रेमडेसिविर और फेवीप्रिविर जैसी आवश्यक दवाओं की कमी को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों के बार में बताए।
4. अभी कोवीशील्ड और कोवैक्सिन जैसे दो टीके वर्तमान में उपल्बध हैं, सभी को कितना टीका लगाने के कितनी वैक्सीन की आवश्यकता होगी? टीकों के अलग-अलग मूल्य निर्धारण के पीछे तर्क और आधार क्या हैं?
5. 28 अप्रैल तक जवाब दें कि 18+ आबादी के टीकाकरण के लिए बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे क्या हैं।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री खुद इन समस्याओं को दूर करने के लिए देख रहे हैं। हम स्थिति को बहुत सावधानी से संभाल रहे हैं।
डेस्क न्यूज़-