ऑक्सीजन और दवाओं की कमी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, कहा- राष्ट्रीय आपातकाल जैसे हालात

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 4 मुद्दों पर गौर कर रहा है - ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि, लॉकडाउन लगाने का अधिकार।
ऑक्सीजन और दवाओं की कमी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, कहा- राष्ट्रीय आपातकाल जैसे हालात

डेस्क न्यूज़- पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों, ड्रग्स और ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनकी क्या योजनाएँ हैं। यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की सुनवाई के मद्देनजर जारी किया है। अगली सुनवाई 23 अप्रैल यानि कल होगी। कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब ।

कॉर्ट ने बताया राष्ट्रीय आपातकाल जैसी स्थिती

वर्तमान स्थिति को 'राष्ट्रीय आपातकाल' जैसी बताते हुए, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति और टीकाकरण के संबंध में केंद्र से जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की गई योजना बताए।

राज्यों को तालाबंदी का अधिकार होना चाहिए

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 4 मुद्दों पर गौर कर रहा है – ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि, लॉकडाउन लगाने का अधिकार। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि लॉकडाउन का अधिकार राज्यों के पास हो, यह न्यायिक निर्णय नहीं होना चाहिए। फिर भी, हम लॉकडाउन लगाने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकारों पर विचार करेंगे।

छह अलग-अलग उच्च न्यायालयों कोरोना पर सुववाई चल रही हैं

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीश जजों की पीठ ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि कोरोना और ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर छह अलग-अलग उच्च न्यायालयों यानि दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। है। यह भ्रम पैदा कर सकता है। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय योजना बनाने को कहा। इसे उच्च न्यायालयों को भी बताएं। '

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