डेस्क न्यूज – रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील (Pangong Lake) और गलवान घाटी का दौरा करने का निर्णय लिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम की अध्यक्षता वाली समिति मई या जून के अंतिम सप्ताह में वहां का दौरा करना चाहती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं।
सूत्रों ने कहा कि इन क्षेत्रों का दौरा करने का निर्णय समिति की पिछली बैठक में लिया गया था।
राहुल गांधी उस बैठक में शामिल नहीं हुए।
समिति को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जाने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
बता दें कि यह वह क्षेत्र है जहां भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति थी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं
बता दें कि चीन के साथ सीमा पर गतिरोध पर संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए बयान की पृष्ठभूमि में,
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री ने
‘भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री चीन के आगे झुक गये और सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया है।
कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘कल रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में बयान दिए।
कई चीजें हैं जिन्हें स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए
, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से यह स्पष्ट है कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 में चले गए।
उन्होंने कहा, “चीन ने देपसांग के क्षेत्र में प्रवेश किया है।
रक्षा मंत्री ने इसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
गोगरा और हॉट स्प्रिंग के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया जहां चीनी बैठे हैं।
वहीं, राहुल गांधी के आरोपों के बाद, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पंगोग सो (झील) क्षेत्र में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए
चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा गया है नहीं किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने राहुल गांधी के दावे को निराधार बताया।