डेस्क न्यूज – अफगानिस्तान और भारत के बीच मंगलवार को आयोजित वर्चुअल समिट (Virtual Summit) में एक अहम समझौता किया गया।
इसके तहत भारत काबुल की नदी पर शहतूत बांध का निर्माण करेगा जिसके जरिए वहां के लोगों को आसानी से स्वच्छ पेयजल के साथ सिंचाई के लिए आसानी से पानी मिल सकेगा।
इसके लिए भारत-अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों ने MoU पर हस्ताक्षर कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमें इस बात की खुशी है कि शहतूत डैम के निर्माण से काबुल के लोगों को पेय जल और सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मुहैया होगी।’
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने भी इस समझौते पर प्रसन्नता जाहिर की उन्होंने कहा,
‘इस शहतूत रिजरवॉयर के साथ हम प्राकृतिक सुंदरता को बहाल करने के हमारे लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।
मैं प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन के साथ जल के इस उपहार के लिए शुक्रिया अदा करता हूं।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछले करीब दो दशकों से भारत-अफगानिस्तान विकास के प्रमुख साझेदारों में रहा है, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे अनेक सेक्टरों में हमारी ये योजनाएं फैली है। (Virtual Summit)
विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती और मजबूत हुई है।
यही दोस्ती.. यही निकटता कोरोना महामारी के बीच दिखती रही।
चाहे दवाईयां या पीपीई किट हो या भारत में बनी वैक्सीन की सप्लाई,
हमारे लिए अफगानिस्तान की आवश्यकता महत्वपूर्ण रही है और रहेंगी।’
मोदी और अशरफ गनी ने मंगलवार को वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया और बातचीत की।
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के अलावा इस वर्चुअल बैठक (Virtual Summit) में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अफगानी समकक्ष मोहम्मद हनीफ अतमर भी मौजूद रहे।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने भारत से दिए जाने वाले कोविड-19 वैक्सीन के लिए आभार प्रकट किया और इसे अनमोल तोहफा बताया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज हम भारत और अफगानिस्तान दोस्ती की लंबी राह में एक और मील का पत्थर रखने जा रहे हैं।
भारत और अफगानिस्तान सिर्फ जियोग्राफी से ही नहीं बल्कि हमारे इतिहास और हमारे संस्कृति भी आपस में जुड़े रहे हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते रहे हैं।’
शहतूत डैम पर समझौते को लेकर दोनों देशों के प्रमुख आपस में चर्चा करेंगे
इस वार्ता से पहले संभावना जताई गई है कि शहतूत डैम पर समझौते को लेकर दोनों देशों के प्रमुख आपस में चर्चा करेंगे।
इस डैम से काबुल के 20 लाख लोगों को पीने के लिए साफ पानी की सुविधा मिलेगी
और वे इसकी मदद से खेत में सिंचाई का काम भी आसानी से कर सकेंगे।
इस डैम का निर्माण काबुल की नदी पर किया जाएगा जो अफगानिस्तान की पांच नदियों में से एक है।
भारत ने अफगानिस्तान में 80 मिलियन डॉलर की लागत वाले प्रोजेक्ट के निर्माण का वादा किया है
शहतूत डैम के अलावा भारत ने अफगानिस्तान में 80 मिलियन डॉलर की लागत वाले प्रोजेक्ट के निर्माण का वादा किया है।
शहतूत डैम के अलावा भारत ने अफगानिस्तान में 80 मिलियन डॉलर की लागत वाले प्रोजेक्ट के निर्माण का वादा किया है। युद्धग्रस्त देश में करीब 150 प्रोजेक्ट के निर्माण का ऐलान भारत ने किया है।
वर्ष 2020 के नवंबर में जेनेवा डोनर्स कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह घोषणा की थी
कि काबुल नदी पर भारत शहतूत डैम का निर्माण करेगा।
उन्होंने यह भी बताया था कि दोनों देशों ने इसपर बात भी की है।
भारत की ओर से अफगानिस्तान को कोविड-19 वैक्सीन की खेप भी दी गई है
बता दें कि भारत की ओर से अफगानिस्तान को कोविड-19 वैक्सीन की खेप भी दी गई है।
इसपर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने ट्वीट कर भारत का आभार प्रकट किया था।
उन्होंने लिखा था, ‘विदेश मंत्री जयशंकर के प्रति मेरा आभार। अफगानिस्तान के लोग भारत के आभारी हैं।
इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।’