किसान के हितों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कही ये बड़ी बात…

पंजाब में अब किसानों को MSP पर बेची गयी उनकी उपज का दाम सीधा उनके बैंक खातों में दिया जायेगा। किसान हितों के लिये प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गये अनेकों कदम की तरह, इस निर्णय से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।
किसान के हितों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कही ये बड़ी बात…

किसान के हितों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पंजाब के किसानों को MSP पर बेची गई उनकी उपज की कीमत सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि उपज का दाम सीधा बैंक खातों में जाने का लाभ, उन किसानों को भी मिलेगा जो किराये की जमीन पर खेती करते हैं। सिस्टम में पारदर्शिता आने से वह किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और इन किसानों को भी उपज का पूरा दाम मिलेगा।

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, पंजाब में अब किसानों को MSP पर बेची गयी उनकी उपज का दाम सीधा उनके बैंक खातों में दिया जायेगा।

किसान हितों के लिये प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गये अनेकों कदम की तरह, इस निर्णय से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।'

पंजाब में किसानों को उपज का दाम सीधा उनके बैंक अकाउंट में मिलने के साथ ही पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो गई है

किसान के हितों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल : पंजाब में किसानों को उपज का दाम सीधा उनके बैंक अकाउंट में मिलने के साथ ही पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो गई है।

अब देश भर के किसान, उपज को MSP पर बेचने के बाद पैसा सीधा अपने खातों में पाएंगे।

आजादी के बाद से किसान हित में लाया गया यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन है।

सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए

किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए।

लेकिन सरकार का कहना है कि वो कानूनों को वापस नहीं ले सकती।

अगर किसान चाहते हैं, तो उनके हिसाब से इसमें संशोधन किए जा सकते हैं।

केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे

बता दें पिछले 136 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है।

वो खेती से जुड़े तीन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे।

इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

किसान और सरकार के बीच 11 बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी।

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