चुनावी प्रचार में प्रियंका गाँधी ने यूपी में किए आठ वादे, प्रदेश के सालाना बजट से भी महंगे प्रियंका के ये वादे, आंकड़ों से समझे कहां फंस रहा है पेंच

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए काफी सक्रिय नजर आ रही हैं।
चुनावी प्रचार में प्रियंका गाँधी ने यूपी में किए आठ वादे, प्रदेश के सालाना बजट से भी महंगे प्रियंका के ये वादे, आंकड़ों से समझे कहां फंस रहा है पेंच

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए काफी सक्रिय नजर आ रही हैं। बता दें कि प्रियंका रविवार 31 अक्टूबर को गोरखपुर के चंपादेवी पार्क में शपथ रैली को संबोधित करने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने अपने आठ प्रतिज्ञा को दोहराया। गौरतलब है कि प्रियंका ने जो चुनावी वादों को लेकर लोगों के सामने जो आंकड़े दिए हैं, उन वादों को पूरा करना मुश्किल है।

आखिर क्या है वो पेंच, ये बताने से पहले आइए जानते हैं क्या हैं प्रियंका गांधी की वो प्रतिज्ञाएं ?

20 लाख युवाओं को सरकारी रोजगार देने का वादा, इंटर पास छात्राओं को मोबाइल और ग्रेजुएशन पास करने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का वादा, यूपी में किसानों की कर्जमाफी, गेहूं-धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये और गन्ने का एमएसपी 400 रुपये करने का वादा, यूपी के सभी गरीब परिवारों को 25000 हजार रुपये, बिजली का बिल आधा करने का वादा, कोरोना काल का बिजली बिल माफ करने का वादा, यूपी चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का वादा, इसके अलावा कांग्रेस की सरकार आने पर 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जाएगा।

आपको बता दें कि कांग्रेस इन वादों से लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन इन वादों को लेकर जो आंकड़े उपलब्ध हैं, वे एक जैसे नहीं लगते। दरअसल, यूपी सरकार का 2021-2022 का बजट साढ़े पांच लाख करोड़ है।

ऐसे में प्रियंका गांधी के वादों को पूरा करने पर होने वाले खर्च पर नजर डालें तो-

20 लाख युवाओं को रोजगार: इस वादे के मुताबिक अगर किसी सरकारी कर्मचारी को औसतन 25 हजार रुपये वेतन मिलता है तो राज्य सरकार पर सालाना 60 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

इंटर पास गर्ल्स को मोबाइल: इस साल 12वीं में 11,17,780 लड़कियां पास हुई हैं। ऐसे में अगर एक मोबाइल की औसत कीमत 10 हजार है तो 1118 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गेहूं-धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये और गन्ने का एमएसपी 400 रुपये: आंकड़ों पर नजर डालें तो 2021-22 में 68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। जिस पर 17000 करोड़ रुपए खर्च किए गए। गन्ने की बात करें तो 2021 में 1027.50 टन गन्ने की पिराई हुई थी, जिस पर 41,1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

यूपी के सभी गरीब परिवारों को 25000 हजार रुपये: उत्तर प्रदेश में करीब एक करोड़ गरीब परिवार हैं। एक परिवार को 25000 देने पर कुल 25000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज: एक करोड़ गरीब परिवार के अनुसार अगर 50 लाख परिवारों को इस वादे का लाभ दिया जाता है तो इस योजना पर ही 5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

आपको बता दें कि ये आंकड़े प्रियंका गांधी के केवल 5 वादों के लिए हैं और इन सभी पर कुल खर्च 6 लाख करोड़ रुपये होगा। जबकि यूपी सरकार का कुल सालाना बजट साढ़े पांच करोड़ ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रियंका गांधी जिन वादों को लेकर जनता के बीच जा रही हैं, उन्हें कांग्रेस कैसे पूरा करेगी?

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