2000 Rupee Note: आरबीआई ने शुक्रवार (19 मई) की शाम को एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बंद करने का ऐलान कर दिया। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि इन नोटों को 30 सितंबर तक वैध माना जाएगा।
RBI के इस फैसले के बाद सियासत भी तेज हो गई। इसके साथ ही कई पॉलिटिकल रिएक्शन भी सामने आने लगे है, जिसमें मोदी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है।
RBI के नोटबंदी के फैसले पर कांग्रेस बोल रही है कि जब नोट बंद ही करना था तो लाए ही क्यों थे। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर हमले बोल रहे हैं तो बीजेपी के मंत्री और नेता इसे सही वक्त पर सही फैसला बता रहे हैं। जबकि बीजेपी के नेता इस नोट बंदी का फायदा गिना रहे है। बीजेपी इसे काले धन के खिलाफ दूसरा बड़ा एक्शन बता रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत है कि पहले एक्ट करो और उसके बाद विचार करो।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है। नोटबंदी का बहुप्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो हजार के नोट वापस लेने पर कहा कि शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है, उसे मसझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अगर दो हजार के नोट को बंद ही करना था तो इसे लाया ही क्यों गया था। अगर दो हजार का नोट पहले से चलन में नहीं था तो इस पर को भी जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि ऐसे फैसलों से अर्थव्यवस्था मजबूत होने की बजाए कमज़ोर होती है। कांग्रेस के ही नेता गौरव बल्लभ ने कहा कि बीजेपी बिना सोचे समझे दो हज़ार के नोट को बाजार में लायी थी अब उससे पलटना पड़ रहा है।
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए इसलिए 2000 रूपए की नोट पर पाबंदी लाई गई है।
एसपी नेता आमीक जामेई ने तंज कसते हुए सवाल पूछा कि 2000 की नोट बंद कर दिया क्या आतंकवाद भ्रष्टाचार पर लगाम लग गई?
नोटबंदी के फैसले को सही बताते हुए बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने कहा कि यह काले धन पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस तरह के निर्णय राष्ट्रहित में होते हैं।
बता दें कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 हजार रुपये का नोट लॉन्च किया गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल 3।62 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट सर्कुलेशन में हैं। लेकिन ट्रांजेक्शन बेहद कम हो रहा है।
आरबीआई के मुताबिक, 2018-19 में ही 2000 रुपये का नोट छपना बंद हो गया था। पिछले तीन साल में धीरे-धीरे 2000 के नोट सर्कुलेशन में भी बेहद कम हो गए थे।