सरवर चिश्ती जो कि अजमेर की दरगाह का खादिम है तो हिन्दू देवी देवीताओं के बारे में विवादास्पद बयान देने वाला आदिल चिश्ती सरवर का बेटा है, तो वहीं गौहर चिश्ती सरवर का भतीजा है।
अजमेर की दरगाह जिसको देश भर में सद्भाव का प्रतीक मानी जाती है। इस्लाम के अलावा दूसरे धर्मों के हजारों लोग वहां घूमने और ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मत्था टेकने जाते हैं। लेकिन उसी दरगाह का खादिम और उसके बेटे भतीजे देश में नफरती जहर घोलने में लगे हैं।
आए दिन ऐसे वीडियो सामने आते रहते हैं जिनमें सरवर चिश्ती हिन्दू विरोधी और देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने वाले बयान देता रहता है और उसकी नफरती परत दर परत खुलती जाती है। आदिल चिश्ती की वीडियो और गौहर चिश्ती के नारों ने अब इनके चेहरे से धर्म निरपेक्षता के नकाब को हटा दिया है।
गौहर चिश्ती को देर रात राजस्थान पुलिस गिरफ्तार कर हैदराबाद से जयपुर ले आई है। साथ ही उस शख्स को भी गिरफ्त में लिया गया है जिसने इसको हैदराबाद में पनाह दी थी, रहने के लिए जगह दी थी।
गौहर चिश्ती, वो ही शख्स है जिसने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा को सिर तन से जुदा की धमकी थी । देश भर में लोगों को भड़काने वाले इस गौहर चिश्ती को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आज यानि शुक्रवार को इसे जयपुर कोर्ट में पेश किया जाना है।
गौहर चिश्ती का चचेरा भाई औऱ सरवर चिश्ती का बेटा आदिल चिश्ती देश में नफरत फैलाने अपने बाप – भाई से चार नहीं चार सौ कदम आगे निकला । नुपुर शर्मा के बयान के निंदा में वीडियो बनाते हुए आदिल चिश्ती हिंदू देवी – देवताओं का मजाक उड़ा रहा था।
हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाते हुए 33 कोटि देवी देवताओं को 333 करोड़ देवी देवता और काल्पनिक बता रहा था । हनुमान जी और गणेश जी के अस्तित्व, भगवान विष्णु के अवतारों पर सवाल उठा रहा है ।
जब गुरूवार को एक टीबी डिबेट में आदिल चिश्ती से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उसने पहले तो शशि थरूर की किताब का हवाला दिया और जब बात नहीं बनी तो संविधान और अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेने लगा ।
अब सवाल ये है कि अगर आदिल चिश्ती को अभिव्यक्ति की आजादी है तो नुपुर को क्यों नहीं ? हालांकि हम नुपुर के बयान का समर्थन नहीं कर रहे हैं और संविधान में लिखा है कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल किसी भी धर्म या फिर किसी भी धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता ।
वहीं नुपुर शर्मा गलत है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का भी काम संविधान का है तो गौहर चिश्ती का भड़काऊ बयान देना भी कानून के खिलाफ है। लेकिन जैसे ही ये भड़काऊ बयान दिए गए उसके बाद नुपुर शर्मा के विरोध में शहरों को जलाया गया और प्रदर्शन किए गए और आमजन और सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया वो भी कानून के खिलाफ है।
इन भड़काऊ बयानों और इनकी नफरती सोच का असर ये हुआ कि देश में कई निर्दोष लोगों की हत्याएं कर दी गईं। उदयपुर में कन्हैया का गला काटा गया, आखिर उसकी गलती क्या थी। पैगम्बर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद बयान दिया किसी और ने, कन्हैया ने सिर्फ अपना मत रखा और उसका सपोर्ट किया तो उसका गला काट दिया और जब आदिल चिश्ती देवी देवताओं ने मजाक उड़ाया तो उसने इसे अभिव्यक्ति की आजादी बताया। क्या कन्हैया को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं थी ?