Amit Shah: 4 शादी के लिए ही शरिया क्यों? चोरी करने वाले के हाथ काटो, बलात्कारी पर पत्थर बरसाओ: अमित शाह

Amit Shah: गृह मंत्री शाह ने कहा कि इस देश का मुस्लिम अंग्रेजों के समय से शरिया और हदीस से कटा हुआ है और कई मुस्लिम देश भी इसे छोड़ चुके हैं। यह कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति है।
Amit Shah: 4 शादी के लिए ही शरिया क्यों? चोरी करने वाले के हाथ काटो, बलात्कारी पर पत्थर बरसाओ: अमित शाह

Amit Shah's statement on Sharia-Hadith: देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस्लामी कानूनों के बहाने समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध करने वालों पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ 4 शादी और तलाक के लिए ही क्यों शरिया मानी जा रही है, अपराध की सजा भी शरिया और हदीस के हिसाब से दी जानी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने यह बात समाचार चैनल न्यूज18 द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उनसे उत्तराखंड में लागू किए गए समान नागरिक कानून को लेकर प्रश्न पूछा गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

1950 से UCC हमारा मुद्दा, पीछे नहीं हट सकते

गृह मंत्री शाह से जब पूछा गया कि क्या वह देश भर में अगले पाँच वर्षों में UCC लागू करेंगे तो उन्होंने कहा, “UCC 1950 से हमारा मुद्दा है। यह मुद्दा तबसे है जब पार्टी जनसंघ के रूप में थी। हम इससे हट नहीं सकते हैं। हमारा मानना है कि देश में एक समान कानून होना चाहिए, इसमें कोई मतभेद नहीं है। उत्तराखंड सरकार UCC लाई है और अब इसकी समीक्षा होगी।”

उनसे जब पूछा गया कि क्या देश के मुस्लिम शरिया और हदीस के हिसाब से नहीं रह सकते तो उन्होंने कहा, “देखिए ये एक प्रकार की भ्रान्ति है। 1937 से ही देश का मुस्लिम शरिया के हिसाब से नहीं रह रहा है। अंग्रेजों ने जब 1937 जब मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाया तो उसमें से आपराधिक तत्व को लेकर बातें निकाल दी। वरना चोरी करने वाले के हाथ काट दो, बलात्कार करने वाले की सड़क पर पत्थर मार कर हत्या कर दो। कोई मुस्लिम बचत खाता ना खोले, कर्ज ना ले। शरिया और हदीस से जीना है तो पूरी तरीके से जीना चाहिए।”

शरिया-हदीस कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “सिर्फ चार शादी करने के लिए शरिया क्यों आता है। इस देश का मुस्लिम अंग्रेजों के समय से शरिया और हदीस से कटा हुआ है और कई मुस्लिम देश भी इसे छोड़ चुके हैं। यह कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति है। देश का अल्पसंख्यक इससे बाहर आए।”

उन्होंने इस बात को आगे ले जाते हुए कहा, “आज भी कोई दीवानी का मुकदमा होता है तो मुस्लिम अदालत में जाते हैं काजी के पास नहीं। राहुल गाँधी क्या यह लागू करना चाहते हैं कि चोरी करने वाले के हाथ काटे जाएँ, बलात्कार करने वाले को पत्थर मारे जाएँ और देशद्रोह करने वाले को चौराहे पर फाँसी पर लटकाया जाए।”

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com