News: PM मोदी ने UP के संभल जिले में भगवान कल्कि मंदिर का शिलान्यास किया है। क्या आपको इसके इतिहास के बारे में पता है।
संभल में 500 साल पहले से भगवान कल्कि का मंदिर हुआ करता था, लेकिन उस मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवा दी गई। इस मस्जिद का निर्माण भारत में मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर ने करवाया था।
बहुत कम लोगों को पता है कि मुगल शासक बाबर ने अपने जीवन काल में कुल तीन मस्जिदों का निर्माण करवाया। जिसमें अयोध्या में बाबरी मस्जिद, पानीपत में काबुली बाग मस्जिद और संभल की शाही जामा मस्जिद शामिल है।
इतिहासकारों के मुताबिक बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर अपनी जीत की तारीख या याद के तौर पर वहां काबुली बाग मस्जिद का निर्माण कराया।
इस मस्जिद का नाम अपनी पत्नी काबुली बेगम के नाम पर रखा। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर को तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद बनवाई। तीसरी मस्जिद संभल में बनवाई थी।
संभल में जिस जगह शाही जामा मस्जिद का निर्माण करवाया, वहां कभी भगवान कल्कि का मंदिर (Kalki Mandir) हुआ करता था।
इतिहासकारों के मुताबिक साल 1528 में बाबर के आदेश पर उसके वफादार मीर बेग ने कल्कि मंदिर को तहस-नहस कर दिया और मंदिर के अवशेष पर ही मस्जिद की तामीर कराई। आज भी कल्कि मंदिर की दीवार और दूसरी चीजों पर मंदिर के अवशेष नजर आ जाते हैं।
संभल में बन रहे कल्कि मंदिर और अयोध्या राम मंदिर के बीच कई समानताएं हैं। कल्कि मंदिर का निर्माण भी उसी गुलाबी पत्थरों से होगा जिससे अयोध्या में रामलला का मंदिर बना है। भगवान कल्कि का मंदिर 5 एकड़ में फैला होगा। शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी और 11 फीट की ऊंचाई पर मंदिर का चबूतरा बनेगा।
आपको बता दें भगवान कल्कि, विष्णु के 10वें अवतार होंगे, जिनका अवतरण अभी होना है। कल्कि पुराण के मुताबिक जब कलयुग में पाप बढ़ जाएगा, हर तरफ अंधेरा होगा और धर्म पर संकट मंडराएगा तब, भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर अवतार लेंगे। श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का उल्लेख है।