जादू टोना और अंधविश्वास से शुरू हुआ बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का मामला धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दे पर पहुंच गया है। देश में सनातन धर्म बनाम ईसाई-इस्लाम की चर्चा तेज हो गई है। दूसरी ओर बागेश्वर धाम बाबा के समर्थन में संत समाज और हिंदू संगठनों से जुड़े लोग खुलकर सामने आ रहे हैं। बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली निकाली जाएगी।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और कपिल मिश्रा समेत बीजेपी के कई नेता भी बाबा बागेश्वर के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं। दूसरी ओर कथाकार देवकीनंदन ठाकुर और योग गुरु रामदेव भी बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में मैदान में कूद पड़े हैं। सोशल मीडिया में भी लोग बाबा के समर्थन में लगातार ट्वीट और पोस्ट कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है, 'बाबा ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए ऐसा कौन सा कदम उठाया कि उन पर दूसरे धर्म के लोगों ने हमला किया है। बाबा पर अंधविश्वास और जादू-टोना करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। जिन धर्मों में सच में जादू-टोना हो रहा है, उसे कोई नहीं देख सकता। बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली निकाली जाएगी।
विवाद के बीच बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वामपंथी और ईसाई मिशनरियों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कोई भी ईसाई हमारे सामने चमत्कार करे, अन्यथा सनातन धर्म की शक्ति को स्वीकार करें। बाबा बागेश्वर का कहना है कि वह धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। दूसरे धर्मों में परिवर्तित हुए लोगों को घर वापस लाया जा रहा है, इससे वामपंथी नाराज हैं।
दरअसल, पिछले साल दिसंबर के महीने में मध्य प्रदेश के दमोह जिले में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दावा किया था कि उन्होंने क्रिसमस के दिन 165 परिवारों के 328 लोगों की घर वापसी कराई है. उन्होंने दावा किया कि लोगों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म छोड़ दिया था और सनातन धर्म को फिर से अपना लिया था। तभी से बागेश्वर बाबा जादू-टोना और अंधविश्वास के विवाद में फंसने लगे।