बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर बनाने वाले बजाज, नहीं रहे आज

राहुल बजाज ने गृहमंत्री से क्यों कहा था की आपकी सरकार में डरते है बिजनेसमैन. एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह से उद्योगपति राहुल बजाज ने कुछ कटाक्ष भरे सवाल किए. उन्होंने मॉब लिंचिंग और सांसद साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान में उचित कार्रवाई ना किये जाने का ज़िक्र तो किया साथ ही ये भी कहा कि लोग 'आपसे' डरते हैं.
राहुल बजाज

राहुल बजाज

Updated on

ये ज़मी ये आसमा हा.... ये ज़मी ये आसमा हा.... हमारा कल, हमारा आज, हमारा कल, हमारा आज, बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर... हमारा बजाज हमारा बजाज... बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर... हमारा बजाज हमारा बजाज... ये कुछ लाइने आपने सुनी होगी उस समय जब आप बच्चे थे. यह लाइन किसी किताब या किसी कॉमिक्स की नहीं बल्की एक स्कूटर के विज्ञापन की है जिसे आपने अपने बचपन में सुना.

हमारा बजाज स्कूटर को घर घर पहुंचाने वाले उद्योगपति राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में निघन हो गया. वह बजाज ग्रुप के अध्यक्ष भी थे. भारत सरकार ने उन्हे 2001 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा था. इसके अलावा उन्होने अपने जीवन के 4 साल 2006 से 2010 तक राज्यसभा में गुजारे. राहुल बजाज ने बजाज ग्रुप को 5 दशकों में आसमान की उस बुलंदियों तक पहुचाने में अपनी पूरी ताकत झोक दी.

एक जीवन जो बना कई लोगों के लिए प्रेरणा

राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को कोलकाता में हुआ था. 60 के दशक के आते ही उन्होंने बजाज समूह की कमान संभाली ली. फिर 2005 में उन्होंने अपना चेयरमैन का पद छोड़ अपने बेटे के सपुर्द कर दिया.

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए है बजाज

राहुल बजाज ने अर्थशास्त्र और कानून की पढ़ाई की. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री वहीं बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से MBA किया था. फिर 2008 आते आते उन्होने बजाज ऑटो को तीन हिस्सों में बाट दिया. इसमें बजाज ऑटो, फाइनेंस कंपनी बजाज फिनसर्व और एक होल्डिंग कंपनी. आपको बता दे राहुल बजाज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक उद्योगपति और मोहनदास करमचंद गांधी के प्रमुख समर्थक जमनालाल बजाज के पोते थे.

2005 में चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा

1965 में बजाज ऑटो में एक कार्यकारी अधिकारी के उद्योगपति राहुल बजाज ने काम करना शुरू किया था. बजाज को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में आगे बढ़ाने में राहुल बजाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा. वह पांच दशकों से ज्यादा समय तक वे बजाज ऑटो के प्रभारी रहे. राहुल बजाज के बाद बजाज ऑटो की कमान 67 वर्षीय नीरज बजाज ने संभाली. साल 1965 में राहुल बजाज बजाज ऑटो के CEO बने, तब उनकी उम्र 30 थी. इस दौरान वह CEO का पद संभालने वाले सबसे युवा भारतीयों में से एक थे.

अपने कार्यकाल में कंपनी के र्टन ओवर में हुई बढ़ोतरी

बजाज की कमान संभालने के बाद कंपनी ने तेजी से अपने वाहनों के प्रोडक्शन को बढ़ाया. अपनी मेहनत और लगन से राहुल बजाज ने कंपनी को देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बनाने में सफलता हासिल की. 1965 में जहां कंपनी का टर्नओवर तीन करोड़ था वहीं 2008 आते-आते 3 करोड़ से बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये हो गया. 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी. तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बल्कि इंटरनेशनल बाजार में भी बढ़ गई.

Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube

<div class="paragraphs"><p>राहुल बजाज</p></div>
UTTARAKHAND ELECTION 2022: असम CM की राहुल पर टिप्पणी, कहा- क्या हमने प्रूफ मांगा कि आप राजीव गांधी के बेटे हैं या नहीं'?
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com