दिल्ली में भारत के सबसे बड़ा ड्रोन फेस्टीवल शुरू, 1600 से ज्यादा रिप्रजेंटेटिव होंगे शामिल, 5 साल में जानिए कितने लाख रोजगार देगी ड्रोन इंडस्ट्री

दिल्ली के प्रगति मैदान में ड्रोन महोत्सव 27 से 28 मई तक आयोजित किया जाएगा। (Bharat Drone Mahotsav 2022 in Delhi) उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने किसान ड्रोन ऑपरेटर्स से बातचीत की। PM मोदी ने डिजिटल तौर पर 150 ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट लॉन्च किया।
दिल्ली में भारत के सबसे बड़ा ड्रोन फेस्टीवल शुरू, 1600 से ज्यादा रिप्रजेंटेटिव होंगे शामिल, 5 साल में जानिए कितने लाख रोजगार देगी ड्रोन इंडस्ट्री
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Drone Festival: दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत के सबसे बड़े ड्रोन फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। (Bharat Drone Mahotsav 2022 in Delhi) पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्घाटन किया। इस दौरान PM ने कहा कि पिछली सरकारों ने लोगों में तकनीक को लेकर डर पैदा किया, आज यही तकनीक लाखों गरीबों का सहारा बन रही है। ड्रोन महोत्सव 27 से 28 मई तक आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने किसान ड्रोन ऑपरेटर्स से बातचीत की। PM मोदी ने डिजिटल तौर पर 150 ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट लॉन्च किया।
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सरकारी, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप के 1600 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल

भारत ड्रोन महोत्सव-2022 का उद्घाटन करने के बाद एक ड्रोन उड़ाया जिसका वीडियो सामने आया है। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने समारोह में कहा, "ड्रोन टेक्नोलॉजी कैसे एक बड़ी क्रांति का आधार बन रही है, इसका एक उदाहरण प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना है।"
महोत्सव में सरकारी अफसर, विदेशी डिप्लोमेट्स, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्स्व में सरकारी, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप के 1600 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। PMO से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री खुले में ड्रोन प्रदर्शन देखे रहे हैं वहीं। पीएम ड्रोन कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करेंगे। महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री ड्रोन उड़ाने का अनुभव ​भी लेंगे।
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2026 तक ड्रोन उद्योग 15,000 करोड़ रुपये के कारोबार तक पहुंच जाएगा: मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा

महोत्सव के शुभारंभ पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया( Union Civil Aviation minister Jyotiraditya M. Scindia) ने कहा-अनुमान है कि वर्ष 2026 तक ड्रोन उद्योग 15,000 करोड़ रुपये के कारोबार तक पहुंच जाएगा। आज, भारत में 270 ड्रोन स्टार्टअप हैं। ड्रोन एक ऐसा विचार है जिसका भारत में समय आ गया है। प्रौद्योगिकी पहले, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण है लोग पहले, पीएम कहते हैं। हालांकि, एक ड्रोन सुरक्षा बलों को सुरक्षा बनाए रखने में मदद कर सकता है, यह किसानों की भी मदद कर सकता है। हमने नए ड्रोन नियम लाए हैं और एक ड्रोन स्पेस मैप जारी किया है।

ड्रोन सिक्योरिटी फोर्सेस के काम के साथ अब किसान के लिए भी उपयोगी: ज्योतिरादित्य सिंधिया

एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत में ड्रोन का दौर आ चुका है। एक ड्रोन सिक्योरिटी फोर्सेस के काम आ सकता है, तो यह किसानों के लिए लिए भी उपयोगी साबित होगा। साल 2026 तक ड्रोन इंडस्ट्री 15,000 करोड़ रुपए के टर्न ओवर का अनुमान है। आज देश में 270 ड्रोन स्टार्टअप चल रहे हैं। आने वाले 5 साल में ड्रोन उद्योग में 5 लाख रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रोन तकनीक को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है। यह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग को दर्शाता है। यह भारत में रोजगार के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। आज देश का किसान तकनीक के साथ कहीं ज्यादा सहज है, उसे ज्यादा से ज्यादा अपना रहा है।
ड्रोन तकनीक हमारे कृषि सेक्टर को अब दूसरे स्तर पर ले जाने वाली है। स्मार्ट तकनीक आधारित ड्रोन इसमें बहुत काम आ सकते हैं। पहले के समय में टेक्नोलॉजी और उससे हुए अविष्कार एलीट क्लास के लिए माने जाते थे। आज हम टेक्नोलॉजी को सबसे पहले जनता को उपलब्ध करा रहे हैं। ड्रोन तकनीक भी इसका उदाहरण है। हमने बहुत कम समय में ही ड्रोन पर लगने वाली पाबंंदियां हटा दी है।

ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप होगी एग्जिबिट

देश में मान लिया गया था कि ये सिर्फ अमीरों के लिए है

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वहां ये मान लिया गया था कि तकनीक सिर्फ अमीर लोगों का कारोबार है..., सामान्य लोगों की जिंदगी में इसका कोई स्थान नहीं है...। इस पूरी मानसिकता को बदलकर हमने तकनीक को सर्वजन के लिए सुलभ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और आगे भी उठाने वाले हैं...। पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको anti-poor साबित करने की कोशिशें हुईं...। इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा...। इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ..., वंचित को हुआ..., मिडिल क्लास को हुआ...।
पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, कैरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी...। लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं...। आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है...। अब लोगों को भरोसा है कि उनके हिस्से का उन्हें मिलेगा ही मिलेगा...। टेक्नोलॉजी ने last mile delivery को सुनिश्चित करने में..., saturation के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है..। मैं जानता हूं कि.. हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं...।
प्रदर्शनी में ड्रोन के इस्तेमाल के 70 से अधिक तरीकों को दिखाया जाएगा। इसमें मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप का प्रदर्शन भी किया जाएगा। महोत्सव के दौरान प्रोडक्ट की लांचिंग भी होगी।

अब जानिए कि नए Drone Rules, 2021 क्या हैं?

ड्रोन को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम बनाए हैं। इसे लेकर बीते साल 25 अगस्त, 2021 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें बताया गया था कि अब ड्रोन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल हो गई है। सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म (Digital Sky Platform) के माध्यम से कराया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई ड्रोन नीति को स्टॉर्ट अप और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए उपयोगी बताया है।

नए ड्रोन नियम के मुताबिक...

  • गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए अब किसी पायलट लाइसेंस की जरूर नहीं है।

  • सभी ड्रोन ट्रेनिंग और एग्जाम एक अधिकृत ड्रोन स्कूल लेगा। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस देगा।

  • अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए प्रकार प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।

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