जम्मू में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को एक और बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ नेता अनिल धर ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सोमवार रात को धर ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। अनिल धर ने 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए कथित तौर पर पूर्व राज्यपाल जगमोहन को जिम्मेदार ठहराने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना की। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा हाल ही में "हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक रंग और पूर्वाग्रह के बयानों" पर भी अपनी आपत्ति ज़ाहिर की।
ये है धर के पार्टी छोड़ने का कारण
बता दें कि, अनिल धर नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू क्षेत्र के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने कहा कि, "मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस का नेतृत्व कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को भूल गया है। यह हाल ही में तब सामने आया जब पार्टी नेतृत्व ने कहा था कि तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार थे।"
उन्होंने आगे कहा, "यह इस तथ्य के बिल्कुल विपरीत है कि यह पाकिस्तान और उसके तैयार लोग हैं, जो अभी भी घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार हैं। इस तरह के बयान और विचार कश्मीरी हिंदुओं में विश्वास पैदा नहीं करते हैं, जिन्होंने पिछले तीन दशकों के दौरान सबसे भीषण नरसंहार, उत्पीड़न और हिंसा का सामना किया है।"
देवेंद्र राणा और सुरजीत सलाथिया भी दे चुके है इस्तीफा
इससे पहले अक्टूबर में, जम्मू इकाई के पूर्व प्रमुख देवेंद्र राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया था और दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई और पूर्व विधायक राणा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं।
2011 से वे नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आसीन थे। देवेंद्र राणा कई राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों की संयुक्त घोषणा के रूप में 'जम्मू घोषणा' जारी करने की वकालत कर रहे थे, जिसमें मुख्य रूप से जम्मू क्षेत्र को राज्य का दर्ज़ा देने और पुरे जम्मू - कश्मीर के लिए यह दर्ज़ा नहीं देने की मांग शामिल थी।
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