
बिहार की राजनीति में किसी बड़े भूचाल की आशंका है। चर्चा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सबकुछ ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है वहीं कांग्रेस व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास पटना पहुंच चुके हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत हुई है। उधर, भाजपा ने नित्यानंद राय, शाहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद व नितिन नवीन सहित कई बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया है। माना जा रहा है कि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर अगले दो दिनों में बड़ा फैसला हो सकता है। पूरे प्रकरण में जेडीयू आक्रमक तो बीजेपी 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसदों और विधायकों को दो दिन में पटना पहुंचने का निर्देश दिया है। चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और बीजेपी व जेडीयू का गठबंधन टूट सकता है। हालांकि, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का कहना है कि एनडीए में सबकुछ ठीक है और सरकार बेहतर तरीके से चल रही है।
ललन सिंह के बयान से हटकर चर्चाओं की बात करें तो जेडीयू व आरजेडी-कांग्रेस में नया गठबंधन हो सकता है। खास बात यह है कि जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने इस चर्चा को खारिज करने के बदले यह कह दिया कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, जब तक कुछ हो नहीं जाता कुछ नहीं कहा जा सकता है। जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने भी कहा कि कुछ भी हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के जेडीयू से इस्तीफा के बाद जेडीयू ने नीतीश कुमार को क्षति पहुंचनाने के लिए आरसीपी सिंह को दूसरा चिराग पासवान बनाने की साजिश का बयान देकर नाम लिए बिना बीजेपी पर निशाना साधा। सवाल यह उठा है कि आरसीपी सिंह या चिराग पासवान किसके इशारे पर नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश कर रहे थे? इस बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया तो नहीं आई है, लेकिन आरसीपी सिंह व चिराग पासवान के समर्थक नीतीश कुमार के खिलाफ आगे आ गए हैं। इस सियासी उथल-पुथल के बीच जेडीयू का अपने सासंदों व विधायकों को पटना बुलाना अहम माना जा रहा है।
जेडीयू के अलावा आरजेडी व कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को पटना बुलाया है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास पटना पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की नजर बनी हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उनसे बात भी हुई बताई जा रही है। कांग्रेस के सचिव शकील अहमद ने कहा है कि नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता हैं। वे अगर बीजेपी को छोड़ें तो महागठबंधन के मुख्यमंत्री बनें। देश की राजनीति के लिए नीतीश कुमार आवश्यक हैं, वे बीजेपी के खिलाफ सशक्त होकर लड़ सकते हैं।
बीजेपी इस मामले में 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी नेतृत्व ने अपने नेताओं को इस मामले में आज दोपहर में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इस निर्देश के पहले पार्टी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने इन कयासों को खारिज करते हुए कहा था कि एनडीए अटूट है। पार्टी अपने विधायकों की बैठके बुलाती रहती है। इसमें नया कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नीति आयोग व अमित शाह की बैठकों में शामिल नहीं होने तथा उनकी सोनिया गांधी से हालिया बातचीत को भी उन्होंने सामान्य घटनाएं करार दिया है। उधर, बीजेपी कोटे के नीतीश सरकार में मंत्री रामसूरत राय के अनुसार भी एनडीए में सबकुछ ठीक है। उन्होंने आरसीपी सिंही के इस्तीफा व उसके बाद उत्पन्न हालात को जेडीयू का आंतरिंक मामला बताते हुए कहा कि इसका गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बीजेपी व जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक रहने का दावा करने वाले ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के मंत्री बनने के मामले में बड़ी बात कही। उन्होंने बताया कि आरसीपी सिंह को केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाना जेडीयू का फैसला नहीं था। जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। हालांकि, जब तक कुछ हो नहीं जाता, क्या कहा जा सकेता है। जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है।
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर एनडीए में टूट होती है तो आरजेडी सरकार नहीं गिरने देगा। नीतीश कुमार का स्वागत किया जाएगा। आरजेडी प्रवक्ता एज्या यादव कहती हैं कि एनडीए में सबुुछ ठीक रहने का दावा करने वाली बीजेपी को दृष्टिदोष हो गया है। बीजेपी व जेडीयू के बीच शुरू से ही सबकुछ ठीक नहीं रहा है। नीतीश कुमार को आरंभ से ही दबाया जा रहा था। दोनों दलों में पटरी नहीं बैठ रही है। आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा है कि वे बिहार में सबसे बड़े राजनीतिक दल हैं। वे बिहार में राजनीतिक स्थिरता को नजर में रखते हुए फैसला करेंगे। आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी ने हर तरह के निर्णय लेने के लिये लालू प्रसाद यादव एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अधिकृत कर रखा है।