
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शातिर हथियार आपूर्तिकर्ता को असम से गिरफ्तार किया है, जो 5000 से अधिक कारें चोरी कर चुका। आरोपी अनिल चौहान पर 27 सालों के दौरान 5000 से अधिक कारें चोरी करने के अलावा हत्या, आर्म्स एक्ट और तस्करी के भी कई मामले दर्ज हैं। उसकी 3 बीवियां और 7 बच्चे हैं। अनिल चौहान को वर्ष 2015 में असम पुलिस ने एक मौजूदा विधायक के साथ गिरफ्तार किया था। वह कार चोर गिरोह का सरगना है।
अनिल चौहान कभी दिल्ली में रहकर ऑटो रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करता था। 1990 में वह दिल्ली के खानपुर इलाके में रहता था। इसी दौरान वह कुछ अपराधी किस्म के लोगों को संपर्क में आया और उसने कारें चुराना शुरू किया। फिर 30 सालों के दौरान उसने 5000 से ज्यादा कारें चुराकर एक कीर्तिमान बना दिया।
कारें चुराकर बेचने के धंधे से अनिल चौहान ने बेहिसाब दौलत कमाई है। बताया जाता है कि उसकी कई संपत्तियां दिल्ली के अलावा मुंबई और उत्तर पूर्वी राज्यों में हैं। ईडी ने भी उसके खिलाफ मनी लांड्रिग का केस भी दर्ज किया था। उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
पुलिस ने आरोपी अनिल चौहान को एक चोरी की मोटरसाइकिल, एक चोरी की कार, 6 देश में बनी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 7 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
अनिल चौहान पुत्र लेफ्टिनेंट देशराज चौहान निवासी खानपुर एक्सटेंशन का रहने वाला है। मूलरूप से असम का रहने वाला अनिल चौहान दिल्ली से 12वीं तक पढ़ा है। 1998 में वाहन चोरी करना शुरू किया और देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 5000 वाहन चुराए। पुलिस उसे कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है।
सेंट्रल दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने बताया कि शातिर कार चोर और तस्करी में आरोपी अनिल चौहान को असम से गिरफ्तार किया है। अनिल ने पिछले 27 साल से अपराध की दुनिया में कई कारनामे किए। दक्षिण दिल्ली में 1990 में आटो चलाने वाले अनिल ने 27 सालों के 5000 से कारें चुराईं और इनमें सबसे ज्यादा (मारुति 800) कारें हैं। अनिल चोरी की कारों को जम्मू कश्मीर, नेपाल और उत्तर पूर्व के राज्यों में बेच देता था।
दिल्ली के निजामुद्दीन थाने के एक आपराधिक मामले में अनिल चौहान को 5 साल की सजा सुनाई गई थी। वह पहले 180 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। आरोपी अनिल चौहान असम सरकार में प्रथम श्रेणी का ठेकेदार था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके घर पर छापा मारा और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली। इसके बाद बैंक ने उसकी सारी संपत्ति नीलाम कर दी और वह फिर से चोरी करने लगा। असम में उसे गैंडे के सींग के तस्कर के रूप में जाना जाता है।