Cyclone Biparjoy Landfall Live: बिपरजॉय समुद्री चक्रवात की आउटर लाइन गुजरात के समुद्री तट से जुड़ने के बाद तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो चुका है। द्वारिका, कच्छ और पोरबंदर में मूसलाधार बारिश शुरू हो चुकी है। समुद्र में पानी उफनने से यह तट से बाहर तक फैल चुका है। एनडीआरएफ की 18 टीमें तैनात की गई हैं।
राज्य सरकार ने 8 ज़िलों में अब तक 94 हज़ार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात गुरुवार रात 9 बजे से 10 बजे के बीच कच्छ जिले के जखौ बंदरगाह के समीप टकराएगा। इसके बाद 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान भवन (IMD) के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि लैंडफॉल का प्रोसेस करीब 6 बजे के बाद शुरु होगा। लैंडफॉल मांडवी और कराची के बीच जखाऊ पोर्ट के आसपास पश्चिम में होगा।
मोहपात्रा ने कहा कि चक्रवात का लैंडफॉल शाम में शुरू होगा और आधी रात तक रहेगा। कल सुबह तक कमजोर होकर इसकी हवा की गति 70 से 90 किमी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में संभावित ‘बिपरजॉय’ चक्रवात से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए कामकाज का विवरण जानने के लिए गुरुवार को स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंच कर उच्च स्तरीय बैठक की।
बैठक में पटेल ने संबंधित अधिकारियों से संभावित चक्रवात की स्थिति के समक्ष प्रशासन द्वारा किए गए आयोजन का विवरण प्राप्त किया और उन्हें आवश्यक सुझाव दिए।
मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के दौरान भी भारी से अति भारी वर्षा होने की आशंका व्यक्त की है। संभावित चक्रवात के गुजरात तट से टकराने के बाद 16 जून को उत्तर गुजरात के बनासकांठा तथा पाटण जैसे ज़िलों में भी भारी से अति भारी वर्षा होने की चेतावनी के चलते सम्बद्ध ज़िला प्रशासन को पूर्व तैयारियां कर लेने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
पेड़ धराशाई हों, तो उन्हें हटा कर सड़क यातायात पुन: बहाल करने के लिए सड़क एवं भवन विभाग की टीमों को ज़रूरी मशीनरी तथा डीज़ल जनरेटर के साथ तैयार किया गया है। राज्य में अब तक पेड़ धराशायी होने की 400 घटनाएं हुई हैं।
राहत आयुक्त ने बताया कि एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़, पुलिस तथा प्रशासन; सभी साथ मिल कर इस संभावित चक्रवात से कम से कम नुक़सान हो; इसके लिए पर्याप्त सामूहिक प्रबंधन के साथ कार्यरत हैं।