BYD Plant: एक बिलियन डॉलर का सौदा रद्द होते ही झुका चीन, बोला- भारत से बैर नहीं

Wang Yi on BYD Plant: भारत में बीवाईडी प्लांट का सौदा रद्द होने के बाद चीन अब भारत से बेहतर संबध की वकालत कर रहा है। भारत के इस एक फैसले से चीन के सुर बदल गए हैं।
BYD Plant: एक बिलियन डॉलर का सौदा रद्द होते ही झुका चीन, बोला- भारत से बैर नहीं
Updated on

India China Relationship: सीमा विवाद हो या अन्य कोई मसला, हर जगह भारत के लिए कांटा बन रहे चीन को भारत के एक फैसले ने बैकफुट पर ला दिया है। मामला बीवाईडी ऑटोमेकर से जुड़ा है।

चीन की यह कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेगमेंट में नामी कंपनी है और भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करना चाहती है। सीधे तौर पर कहें तो भारत में एक प्लांट लगाना चाहती है लेकिन भारत ने उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

इस मामले में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी जोकि ने एनएसए अजित डोभाल के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए चुनौती नहीं हैं। नई दिल्ली यानी भारत सरकार फैसले पर दोबारा विचार करे।

'अच्छा हो या बुरा असर तो पड़ता है'

वांग यी जोकि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी में बड़े ओहदे पर और विदेश मंत्री से ऊपर माने जाते हैं उन्होंने अजीत डोभाल से मुलाकात में कहा कि हमें ऐसे नीतियों पर काम करने की आवश्यकता है जो आपसी विश्वास को बढ़ाने वाले हों।

दोनों देशों को आपसी सहमति और सहयोग के लिए आगे बढ़ना होगा। दोनों शख्सियतों के बीच जोहांसबर्ग में ब्रिक्स सदस्यों की बैठक से इतर हुई।

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक वांग यी ने कहा कि भारत और चीन दोनों या एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़े या विरोध में हों वैश्विक स्तर पर फायदा- नुकसान दोनों का है।

भारत से बेहतर संबंध की वकालत

वांग यी ने कहा कि चीन पुरानी वैश्विक व्यवस्था पर चलने का हिमायती नहीं जिसमें किसी खास देश का प्रभुत्व होता था। चीन कभी भी उस रास्ते पर नहीं चलेगा जिसकी वजह से किसी खास देश की प्रभुता स्थापित हो।

हम चाहते हैं कि विकासशील देश एक साथ मिलकर काम करें जिसमें भारत भी शामिल हो। चीन बहुपक्षी वाद और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में प्रजातांत्रिक व्यवस्था का समर्थक है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

जानें क्या है BYD प्लांट

पिछले हफ्ते भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए भारतीय कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ साझेदारी में आकर्षक भारतीय बाजार में ईवी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बैटरी बनाने के चीनी ईवी दिग्गज के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

इकोनॉमिक टाइम्स ने एक भारतीय अधिकारी के हवाले से कहा कि विचार-विमर्श के दौरान भारत में चीनी निवेश के संबंध में सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया गया। एक दूसरे अधिकारी ने मौजूदा दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए दावा किया कि इस तरह का चीनी निवेश संभव नहीं है।

वर्तमान में BYD की 2023 में भारतीय बाजार में ईवी की कम से कम 15,000 इकाइयां बेचने की योजना है। अस्वीकृति के बावजूद कंपनी भारत में अपने वितरण नेटवर्क का विस्तार करने और विनिर्माण क्षमता को उन्नत करने की योजना बना रही है।

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com