
Cabinet Decisions: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिनमें मुफ्त अनाज वाली सभी योजनाओं को सरकार ने अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) में ही शामिल कर लिया है। पहले गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के लिए अंत्योदय अन्न योजना और ऐसी ही दूसरी योजनाएं चल रही थीं, जिनके जरिए गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाता है। अब एक जनवरी से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत ही देशभर के गरीबों को राशन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आज आर्थिक मामलों से जुड़े कुछ फैसलों का एलान भी किया गया। इनसे आम जनता को वित्तीय ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी और उनको इंसेंटिव्स मिलेंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने करीब 2600 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन या इंसेंटिव्स का एलान किया है। इसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रूपे क्रेडिट कार्ड और BHIM UPI के उपयोग पर लोगों को इंसेटिव्स मिलेंगे। ये इंसेटिव्स P2M (पर्सन टू मर्चेंट) बेसिस पर दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद इस फैसले पर मुहर लगाई गई। इस नई योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2023 से हो गई और देश के करीब 80 करोड़ गरीबों को इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के शुरू होने के बाद साल 2023 में प्राइमरी हाउसहोल्ड (PHH) और अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि PMGKAY के तहत देशभर के गरीबों में राशन वितरण करने से पारदर्शिता आएगी और सभी राज्यों में एक जैसी व्यवस्था होगी। ये एकीकृत योजना गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, सामर्थ्य और उपलब्धता के मामले में NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करेगी।
इससे पहले दिसंबर 2022 में बताया गया था कि मोदी सरकार ने PMGKAY योजना को एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है। यानी अगले एक साल तक गरीबों को मुफ्त अनाज की सुविधा मिलती रहेगी। बता दें कि साल 2020 में कोरोना लॉकडाउन के बाद सरकार की तरफ से इस योजना को लागू किया गया था, जिसके तहत गरीबों को 5 किलो मुफ्त राशन मुहैया कराया जाता है। हालांकि पहले ये 10 किलो था, जिसे अब कम किया गया है। मुफ्त अनाज में कटौती को लेकर विपक्षी नेता भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं।
केंद्रीय कैबिनेट ने देश में आम जनता के डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2600 करोड़ रुपये के इंसेंटिव का एलान किया है। इसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रूपे क्रेडिट कार्ड और BHIM UPI के उपयोग पर लोगों को इंसेटिव्स मिलेंगे। ये इंसेटिव्स P2M (पर्सन टू मर्चेंट) बेसिस पर दिए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने कैबिनेट में लिए गए फैसले के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने जो 2600 करोड़ रुपये के इंसेंटिव्स का एलान किया है उसके तहत एमएसएमई, किसानों, मजदूरों और उद्योगों को भीम यूपीआई के तहत किए जाने वाले पेमेंट्स पर कुछ छूट मिलेगी। भूपेंद्र यादव ने बताया कि देशभर में तीन नई को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने का भी एलान कर दिया गया है।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि रूपे कार्ड के जरिए डिजिटल पेमेंट्स पर 0.4 फीसदी का इंसेंटिव दिया जाएगा। इसी प्रकार भीम यूपीआई के जरिए 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन्स पर 0.25 फीसदी का इंसेंटिव दिया जाएगा। भीम यूपीआई के जरिए इंडस्ट्री के यूज के लिए होने वाले डिजिटल पेमेंट्स जैसे इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, ज्वैलरी, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और अन्य सेगमेंट के लिए ये इंसेंटिव 0.15 फीसदी का तय किया गया है।
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के तहत बैंकों को भी फाइनेंशियल इंसेटिव दिए जाएंगे। इसके जरिए पॉइंट ऑफ सेल (PoS) और ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन जो रूपे क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाएंगे-उन पर आपको अलग-अलग तरीके से इंसेटिव मिल पाएंगे। कम वैल्यू के BHIM-UPI ट्रांजेक्शन्स पर भी आपको कुछ प्रोत्साहन मिलेंगे।