बुधवार को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राज्य का वित्त वर्ष 2022-23 का बजट विधानसभा में पेश किया। गोधन को बढ़ावा देते हुए उन्होंने अनूठी पहल की और गोबर के बने बस्ते में बजट के दस्तावेज रखकर लाए। बजट में सीएम बघेल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत कई अहम घोषणाएं की हैं। बघेल ने कहा कि वह इस बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा कर रहे हैं। वर्ष 2022-23 के बजट में एक जनवरी 2004 और इसके बाद छत्तीसगढ़ में नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई है।
बता दें कि इससे पहले राजस्थान के सीएम गहलोत ने 23 फरवरी को अपने चौथे बजट को पेश करते हुए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की घोषणा की थी।
- सरपंचों का भत्ता प्रतिमाह दो हजार से बढ़ाकर 4000 किया गया
-पंचायत क्षेत्र में खदान संचालित करने हेतु ग्राम पंचायत की सहमति जरूरी
- मोर जमीन मोर मकान एवं मोर मकान मोर चिन्हारी योजनाओं के लिए 450 करोड़ का प्रावधान
-नगरीय निकायों के संपत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30% कम करने की घोषणा
-मिशन अमृत 2.0 के तहत समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने हेतु 200 करोड़ का प्रावधान
-खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने राजीव युवा मितान क्लब के लिए 75 करोड़ का प्रावधान
-जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान
-जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान
-जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15000 से बढ़ाकर 25000 किया गया
-जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10000 से बढ़ाकर 15000 किया गया
-जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6000 से बढ़ाकर 10000 प्रति माह किया गया
-राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत सालाना सहायता 6000 रुपये से बढ़ाकर 7000 करने का एलान किया।
कौशल विकास कार्यक्रमों के समन्वय से रोजगार सृजन की संभावनाओं पर काम करने के लिए छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन को दो करोड़ रुपये भी प्रस्तावित किए गए हैं।