MAHARASHTRA: पश्चिम बंगाल और झारखंड के बाद ईडी ने अब महाराष्ट्र में घोटालेबाजों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है।
ईडी की टीम ने महाराष्ट्र के पात्रा चॉल घोटाले में कथित तौर पर आरोपी शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया है। संजय राउत का आज मेडिकल कराया जाएगा जिसके बाद उनकी पीएमएलए कोर्ट में पेशी होगी।
शिवसेना सांसद संजय राउत पर पात्रा चॉल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लग रहे है। ईडी ने उनके दादर स्थित फ्लैट को भी सील कर दिया है। इसी 83 लाख के फ्लैट को लेकर ही संजय राउत फंसते नजर आ रहे हैं।
MAHARASHTRA: संजय राउत की गिरफ्तारी को लेकर पूरे महाराष्ट्र के सियासी माहौल में गर्माहट पैदा हो गई है। बागी विधायकों की चोट से उबर रही शिवसेना पर एक और गहरा घाव लगा है।
उद्धव इस मामले की गंभीरता को बखूबी समझ रहे हैं। इसी कारण से ठाकरे ने पार्टी के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों और नेताओं के साथ मातोश्री पर एक बैठक बुलाई हैं। जिसमें आगे की रणनीति की चर्चा की जानी है।
देश में किसी बड़े नेता को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के विरोध में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर विरोध करने का ट्रेंड सा बना दिया है।
कुछ हफ्ते पहले जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था तब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और ईडी पर सरकार के इशारों पर चलने का आरोप लगाया था।
MAHARASHTRA: अब संजय की गिरफ्तारी के बाद पुणे और नागपुर सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में तो कई कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
MAHARASHTRA: ईडी को सूत्रों के मुताबिक राउत ने पूछताछ में बहुत से ऐसे जवाब दिए हैं जिनसे ईडी के अधिकारी संतुष्ट दिखाई नहीं दिए।
पूछताछ में पत्रावाला चॉल के एफएसआई घोटाले से कमाई गई मनी ट्रेल के बारे में पूछा। राउत के घर से मिले साढ़े 11 लाख कैश, अलीबाग और दादर फ्लैट के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन और मामला सामने आने के बाद जो पैसे राउत ने लौटाए उसकी जानकारी मांग गई।
ज्यादातर जवाबों से अधिकारी असंतुष्ट दिखाई दिए। दरअसल ईडी के गवाहों के बयान और मनी लान्ड्रिंग के सबूतों से राउत के बयान मेल नहीं खा रहे थे। इसीलिए उनको गिरफ्तार ईडी ऑफिस लाया गया।
MAHARASHTRA: ईडी द्वारा की जा रही इस पूछताछ में कई बड़े नेताओं ने बयान देकर मामले को और रोचक बना दिया है। पहले मामला सिर्फ घोटाले का दिखाई दे रहा थी लेकिन अब बयानों से लगता है कि इसे राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है।
आप सुनिए नेताओं ने क्या कहा
यह सारी कारस्तानी सारी लाज शर्म छोड़कर निर्लज्जता से चली रही है। ये दमन शाही नीति है। हिंदुत्व को लेकर अगर किसी में बोलने की हिम्मत थी तो वो बाल साहब ठाकरे ही एक मर्द थे।
उद्धव ठाकरे
मैं किसी घोटाले में शामिल नहीं हूं। ED ने गलत सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। मैं मर जाऊंगा, लेकिन न सरेंडर करूंगा, न ही शिवसेना छोडूंगा। झुकूंगा नहीं।
संजय राउत
MAHARASHTRA: दरअसल ये मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है।
इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपए और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
MAHARASHTRA: ये मामला जितना सीधा और सरल दिखाई दे रहा है उतना है नहीं।
संजय राउत की गिरफ्तारी दरअसल पात्रा चॉल घोटाले में हुई है। जिसका नाम PMC बैंक घोटाले की जांच के दौरान सामने आया।
2020 में PMC बैंक घोटाले की जांच में प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब खुलासा हुआ कि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को बिल्डर ने 55 लाख का कर्ज दिया है।
जांच में आरोप लग रहे हैं कि संजय ने इसी पैसे से दादर में फ्लैट खरीदा था। अब आपको बताते हैं कि पात्रा चॉल घोटाला क्या है?
ED के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन नाम की एक कंपनी को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था। यह काम MHADA यानि कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलमेंट ऑथोरिटी ने उसे सौंपा था। इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे।
आरोपों के अनुसार गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी। बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए।
जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी।
2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थ। इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा। ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे।
ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है। ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी। प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं। वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है। सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है।