बढ़ती गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इसी के साथ राजधानी दिल्ली में पेयजल की समस्या की काफी बढ़ चुकी है और लोगों को पानी के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है।
इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। जिस पर SC ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश को तत्काल प्रभाव से 137 क्यूसेक पानी हरियाणा को देने को कहा है कि ये पानी दिल्ली में छोड़ा जाएगा।
इससे दिल्ली वालों को जल संकट से राहत मिल जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी बचाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कर रहें जस्टिस पीके मिश्रा व केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने शुरुआती दलील में दिल्ली सरकार के वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि क्या मैं सिर्फ मीटिंग की खास बातों का उल्लेख करूं?
उन्होंने आगे कहा, हिमाचल को कोई आपत्ति नहीं है और हरियाणा ने कोई उत्तर नहीं दिया है। रिपोर्ट की यह पूरी समरी है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, यह अस्तित्व के मुद्दे की समस्या है।
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि व्यास नदी से पानी हरियाणा नहर में भेजा जा सकता है, लेकिन इसको लेकर हरियाण के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि अव्यावहारिक है।
वहीं इसको लेकर कोर्ट ने डॉ. सिघंवी से कहा कि इसके बाद इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने पानी दें दिया है, लेकिन हरियाणा नहीं दें रहा है।