Red Light On Gaadi Off: बत्ती पर गाड़ियां बंद करने से प्रदूषण रोकने चले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री को लगा झटका, अब एलजी के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन

केजरीवाल सरकार को प्रदूषण का कारण के रूप में दिवाली पर चलाए जा रहे पटाखे औऱ सड़क पर चल रही गाड़ी ही दिखाए देते हैं। पता नहीं कैसे इनके दिल्ली में जहर उगलती फैक्ट्रियां, यमुना के पानी को नाले में बदलता केमिकल वेस्ट इनकी आंखो के आगे से ओझल हो जाता है।
Red Light On Gaadi Off: बत्ती पर गाड़ियां बंद करने से प्रदूषण रोकने चले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री को लगा झटका, अब एलजी के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन

दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को घेरना शुरू कर दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को पोस्टपोन करते हुए कारण दिया है कि एलजी ने इस अभियान की फाइल को मंजूरी नहीं दी है। जिस वजह से ये अभियान उन्हें स्थगित करना पड़ा।

आप कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर एलजी सक्सेना के खिलाफ नारेबाजी की। मंत्री गोपाल राय का कहना है कि 21 अक्टूबर को ही फाइल एलजी को भेज दी गई थी। लेकिन उन्होने इसे आगे नहीं बढ़ाया है।

क्या है रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ ?

आप सोच रहे होंगे कि ये अभियान है क्या दरअसल रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का एक अभियान है इस अभियान के तहत ग्रीन लाइट होने तक ड्राइवरों को बत्ती पर गाड़ी बंद रखना होता है।

फैक्ट्री नहीं, गाड़ियां बढ़ा रहीं प्रदूषण !

मंत्री गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ रहा है लेकिन एलजी को इसकी चिंता नहीं है।

मंत्री इस बात को ऐसे कह रहे हैं कि जैसे दिल्ली का सारा प्रदूषण गाड़ियों की वजह से ही होता है।

दिल्ली में चल रही फैक्ट्रियों और बड़ी बड़ी चिमनियों का इस प्रदूषण में कोई योगदान नहीं है।

प्रदूषण के चलते पटाखे किए थे बैन

आपको बता दें कि प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार ने दिवाली पर पटाखों पर बैन लगा रखा था। लेकिन सच ये है कि दिवाली से पहले दिल्ली का प्रदूषण अपने चरम स्तर पर था और अगर पटाखे फूटते तो आंकड़ों में फर्क जरूर आता पर इतना नहीं कि दिल्ली की आबो-हवा सिर्फ पटाखों से ही गंदी हो जाती..

क्या सिर्फ पटाखे ही है प्रदूषण का कारण ?

लेकिन केजरीवाल सरकार को प्रदूषण का कारण के रूप में दिवाली पर चलाए जा रहे पटाखे औऱ सड़क पर चल रही गाड़ी ही दिखाए देते हैं। पता नहीं कैसे इनके दिल्ली में जहर उगलती फैक्ट्रियां, यमुना के पानी को नाले में बदलता केमिकल वेस्ट इनकी आंखो के आगे से ओझल हो जाता है।

देश के एक बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि ये सब केजरीवाल जी को दिखेगा भी नहीं क्योंकि उनकी सरकार इन उद्योगपतियों से कमाई जो करती है। तो इसलिए प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए कभी ये पटाखों को बैन करते हैं तो बत्ती हरी होने तक गाड़ी बंद रखने का अभियान चलाते हैं।

हालांकि वो बात अलग है कि गाड़ी के 30 सेकंड़ तक चालू रहने में और 30-40 सेकंड के अंदर इंजन को बंद और चालू करने में लगभग बराबर प्रदूषण होता है। लेकिन दिल्ली की सरकार का कहना है कि उनके इस अभियान से दिल्ली के प्रदूषण में कमी आएगी जो कि एलजी वीके सक्सेना को रास नहीं आ रहा है।

अब समझ ये नहीं आ रहा ये सवाल तो समझ से परे है, कहीं ऐसा तो नहीं वीके सक्सेना ऑक्सीजन की बजाय कार्बनडाइऑक्साइड का इनहेल करते हों इसलिए वो कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार के इस कदम से दिल्ली में कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा कम हो जाएगी।

इनके इस कदम के खिलाफ आमआदमी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन से लग रहा है कि पर्यावरण मंत्री का गाड़ियों को बत्तियों पर बंद करा करा कर दिल्ली को हिमाचल में बदल देने का सपना टूटता नजर आ रहा है। 

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