Divya Kakran: दिव्या के 'दिव्य' पर सियासत! देश के मान पर 'आप' का अपमान

राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने पर दिव्या काकरान की कामयाबी का जहां पूरा देश जश्न मना रहा है, वहीं पारितोषिक की घोषणा को लेकर आप पार्टी तंज कस रही है। परिवार 20 वर्षों से दिल्ली में रह रहा है, लेकिन आप यूपी निवासी और भाजपा समर्थक बता रही है। इस मामले पर भाजपा भी हमलावर है।
Divya Kakran: दिव्या के 'दिव्य' पर सियासत! देश के मान पर 'आप' का अपमान

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वालीं दिव्या काकरान ने देश का नाम रोशन किया, लेकिन अफसोस इस बालिका की कामयाबी भी राजनीति की भेंट चढ़ गई। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दिव्या को उत्तर प्रदेश सरकार 50 लाख रुपए देकर सम्मानित करेगी, लेकिन अब तक दिल्ली सरकार ने सिवाय बधाई के कोई पारितोषिक राशि देने की घोषणा नहीं की। उल्टे केजरीवाल सरकार ने यह कहकर विवाद को हवा दे दी कि दिव्या ने कभी उनसे मदद ही नहीं मांगी और वह दिल्ली से नहीं बल्कि 2017 से कुश्ती में यूपी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जबकि दिव्या काकरान वर्तमान में ईस्ट दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में 20 साल से किराए के घर में रह रही हैं।

दिव्या ने प्रेस वार्ता में बयां किया दर्द

दिव्या ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी शुरू की थी। पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में किराए के घर में रही। 2017 तक मैं दिल्ली के लिए 58 पदक जीत चुकी थी। दिव्या ने कहा कि साल 2017 में वह खुद दिल्ली सरकार के पास मिलने गई थीं। मैंने मदद मांगी तो सरकार की ओर से कहा गया कि लिख कर दीजिए। मैंने यह भी किया लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई फोन-मेल नहीं आया। इसके बाद 2017 के आखिर से मैं यूपी की ओर से खेलने लगी।' दिव्या ने कहा कि मुझे यूपी से आजीवन 20 हजार रुपये पेंशन प्रोत्साहन मिला है। दिल्ली सरकार से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन अगर वो बाकी खिलाड़ियों की मदद करते हैं तो मेरी क्यों नहीं की।

पुराना वीडियो शेयर कर दिव्या पर निशाना

दिव्या ने राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने के बाद कहा था कि उन्हें तैयारी के लिए दिल्ली सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली थी। इस पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने उन्हें जवाब भी दिया था। अब पार्टी के नेताओं ने दिव्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। आप नेताओं ने दिव्या का एक पुराना वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में दिव्या उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए वोट की अपील करती हुई दिख रही हैं। दिव्या इस वीडियो में कह रही हैं- भाजपा को वोट दीजिए क्योंकि हम सब जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारे लिए कितना काम किया है। चाहे वह स्पोर्ट्स हो या शिक्षा या स्वास्थ्य, हर जगह सुधार हुआ है।

आप का तंज- 'वोट मोदी के लिए, नोट केजरीवाल से चाहिए'

इस वीडियो को आप नेता सौरभ भारद्वाज ने शेयर किया है। सौरभ पर पिछले दिनों भाजपा ने निशाना साधा था। दरअसल, सौरभ ने दिव्या के दिल्ली से खेलने को लेकर सवाल उठाए थे। सौरभ ने दिव्या के वोट वाले वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- भाजपा का असली दर्द अब समझ आया।

आप नेता शालिनी सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''वोट खुलेआम योगी और मोदी जी के लिए मांगेंगी और नोट केजरीवाल जी से चाहिए। ये ठीक बात नहीं है। मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को राजनीति से दूर ही रहनी चाहिए।'' उन्होंने आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी इस ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, ''भाजपा का असली दर्द अब समझ आया।''

हताश दिव्या बोली- आने वाले दिनों में वह यूपी से खेलेंगी

कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली बेटी दिव्या काकरान को आज अपने हक और सम्मान के लिए दिल्ली सरकार के साथ नूरा-कुश्ती करनी पड़ रही है। दिव्या को आज दिल्ली निवासी होने का सबूत देने पड़ रहा है और उन्हें अब सरकार से पैसा नहीं सम्मान चाहिए क्योंकि यूपी सरकार ने इस बेटी को सम्मान दिया। उसे नौकरी देकर लक्ष्मी बाई पुरस्कार से समानित भी किया गया है। अब दिव्या का कहना है कि वह आने वाले दिनों में यूपी से खेलेंगी।

यूपी सरकार देगी 50 लाख की राशि

कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रतिभाग करने वाले उत्तर प्रदेश के हर खिलाड़ी को उत्तर प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी। प्रदेश की खेल नीति के अनुसार पदक विजेताओं को अतिरिक्त सम्मान और नौकरी भी मिलेगा। इसके साथ ही कांस्य पदक जीतने वाली मुजफ्फरनगर की दिव्या काकरान को भी यूपी सरकार की तरफ से 50 लाख की राशि मिलेगी।

दिव्या से राखी बंधवा कर मनोज तिवारी ने सौंपा 5 लाख का चेक

भाजपा सांसद मनोज तिवारी शुक्रवार को दिव्या काकरान के घर पहुंचे और उससे राखी बंधवाई। तिवारी ने ना सिर्फ दिव्या के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया बल्कि 5 लाख रुपए का चेक भी सौंपा। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी खिलाड़ी दिव्या काकरान से राखी बंधवाई और 5 लाख रुपए का चेक दिया। साथ ही भविष्य में भी हरसंभव सहायता करने का आश्वासन दिया। मनोज तिवारी ने दिव्या से भाई-बहन का रिश्ता ऐसे समय पर जोड़ा है जब आम आदमी पार्टी के नेता पहले से ही काकरान पर भाजपा के समर्थन को लेकर हमलावर हैं।

भाजपा ने की 'आप' की आलोचना

भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी सरकार की यह कहकर आलोचना की है कि वह कथित रूप से राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता दिव्या काकरान को निशाना बनाकर महिलाओं और खिलाड़ियों को अपमानित कर रही है। भाजपा का कहना था कि दिव्या की जीत किसी राज्य की नहीं बल्कि देश की जीत है। इसके बाद आप ने भी सवाल उठाए कि क्या अब भाजपा शासित 17 राज्य राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले 61 एथलीट्स को सम्मानित करेगा?

शहजाद पूनेवाला ने साधा आप पर निशाना

वहीं, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आप की सोशल मीडिया टीम ने दिव्या को ट्रोल किया और उनके नेता सौरभ भारद्वाज ने सर्टिफिकेट दिखाने की बात कहकर खिलाड़ी को अपमानित किया है। पूनावाला ने आरोप लगाया कि आप का इतिहास रहा है कि वह राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान बढ़ाने वाले का अपमान करती रही है, चाहे वो सैनिक हो या खिलाड़ी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को भारद्वाज को पार्टी में हर पद से हटा देना चाहिए।

मिल चुका अर्जुन अवॉर्ड

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी पहलवान दिव्या काकरान को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने दिव्या को अर्जुन अवार्ड का प्रमाण पत्र दिया। वहीं अर्जुन अवॉर्डी दिव्या के नई दिल्ली स्थित गोकुलपुर आवास पर मां संयोगिता ने उसका स्वागत किया। उसने अपने पिता सूरजवीर को अपना प्रमाण पत्र देकर आशीर्वाद लिया।

दिव्या के पिता भी रह चुके रेसलर

रेसलर दिव्या काकरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के पुरबालियान गांव की रहने वाली हैं। दिव्या काकरान के पिता सूरज सिंह भी एक पहलवान रह चुके हैं लेकिन घर की दयनीय हालत ठीक न होने के चलते वह तो इस बुलंदी तक नहीं पहुंच सके लेकिन उन्होंने आज अपनी मेहनत और संघर्ष से अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचा दिया. दिव्या काकरान ने 2012 से रेसलिंग के गेम में अपना कदम रखा था और तब से अब तक दिव्या काकरान तकरीबन 60 मेडल जीत चुकी हैं।

संघर्ष की कहानी, दिव्या की जुबानी

दिव्या ने बताया कि वह 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी शुरू की थी. वह ईस्ट दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में पिछले 20 साल से किराए के घर में रह रही हैं। वह बताती हैं कि हमनें दो से तीन घंटे बसों में खड़े रहकर सफर किया है। इसके बाद 2017 तक वह दिल्ली को 58 मैडल दे चुकी थीं। इसमें कई सारे गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। दिल्ली सरकार की ओर से उनके घर पर कोई नहीं आया, साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से किसी ने नहीं पूछा कि एशियन गेम्स में मुझे अवॉर्ड मिला है। हालांकि वह कहती हैं कि इलाके से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की ओर से उन्हें 3 लाख की मदद मिली थी। वह आगे कहती हैं कि दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर कहा था कि सुशील कुमार, साइना नेहवाल को हरियाणा सरकार ने पैसे दिए, जबकि सब दिल्ली में रहते हैं। साल 2017 में दिव्या खुद दिल्ली सरकार के पास मिलने गई थीं, फिर 2018 में उन्हें नियुक्ति मिली। दिव्या ने कहा कि मैं गांव से हूं खुद घर का खर्च चलाती हूं, मैंने कहा कि मुझे मदद कीजिये लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लिख कर दीजिए। मैंने यह भी किया लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई फोन-मेल नहीं आया. हम सब घर पर रोते थे कि प्रोत्साहन तक नहीं मिला। इसके बाद 2017 के आखिर से मैं यूपी की ओर से खेलने लगी। दिव्या ने बताया कि मुझे यूपी से आजीवन 20 हजार रुपये पेंशन का प्रोत्साहन मिला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन अगर वो बाकी खिलाड़ियों की मदद करते हैं तो मेरी मदद क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं देश के लिए इतने मेडल लाई लेकिन दिल्ली सरकार का दिल नहीं जीत पाई. रेलवे से खेलती हूं लेकिन यूपी मेरी मदद कर रहा है. लेकिन ये लोग राजनीति कर रहे हैं।

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