
उदयपुर से 35 किमी दूर रेलवे ट्रैक और पुल को डेटोनेटर से उड़ाने की साजिश को आतंकी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। रेलवे ट्रैक कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है। इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
मीडिया से बात करते हुए रेलवे पीआरओ शशि किरण ने बताया कि दोपहर तीन बजे यातायात बहाल कर दिया गया है। मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल की हत्या से इस घटना के तार जोड़े जा रहे है।
रेलवे के अनुसार 13 नवंबर को अजमेर मंडल के हिम्मतनगर-उदयपुर रेलवे लाइन पर जावर-खरवा चंदा रेलवे लाइन पर गश्त कर रहे एक ट्रैकमैन और एक स्थानीय व्यक्ति ने 08:00 बजे लगभग 08:00 बजे 145/2-5 किमी पर डेटोनेटर के इस्तेमाल से रेल फ्रैक्चर की सूचना दी।
सूचना मिलने पर आरपीएफ-कंट्रोल को सूचना दी गई। सत्यापन हेतु रेल सुरक्षा बल निरीक्षक-उदयपुर प्रातः 08:45 बजे, मुख्य पथ निरीक्षक-उदयपुर एवं सहायक अभियंता-डूंगरपुर प्रातः 09:30 बजे, सहायक क्षेत्रीय अधिकारी-उदयपुर प्रातः 09:35 बजे तथा उप मुख्य अभियंता-11 बजे घटना स्थल पहुँचे।
इसके साथ ही एफएसएल की टीम 11:30 बजे और एटीएस की टीम 12:45 बजे घटना स्थल पर पहुंची और स्थिति की जानकारी ली। रेलवे ट्रैक को हुए नुकसान की जांच एनआईए के साथ ही राज्य सरकार के एटीएस और आरपीएफ को सौंपी गई है.
अपर पुलिस महानिदेशक-एटीएस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। उनकी मंजूरी के बाद ट्रैक रेलवे को सौंप दिया गया, जिसकी मरम्मत रेल विभाग ने महज 3 घंटे में कर दी। रात तीन बजे मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया। रेलवे ट्रैक हैंडओवर होने के बाद इंजीनियरिंग विभाग ने अपना काम किया।
गुजरात और राजस्थान को जोड़ने वाला यह रेलवे ट्रैक हजारों लोगों के लिए रोजगार और सुविधा का जरिया है। इस रेलवे ट्रैक को निशाना बनाने के पीछे कई कारण हो सकते है, जिसकी जांच एजेंसियां कर रही हैं। बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधि के चलते स्लीपर सेल ने इसे अंजाम देने की कोशिश की है।
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्या के मामला जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी थी। उनके बाद अब एक नया मामला और समाने आने के बाद जांच एजेंसियों की मुश्किले बढ़ गई है। कन्हैयालाल के हत्यारे गौस मोहम्मद को पाकिस्तान में ट्रेनिंग देने का मामला सामने आया था। इस कारण इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रेलवे ट्रैक को उड़ाने का काम किसी स्लीपर सेल ने किया होगा।